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________________ 200/ जैन समाज का वृहद् इतिहास का कार्य होता रहता है । दि. जैन कुन्थु विजय ग्रंथ माला की ओर से पुस्तक प्रकाशन का कार्य हो रहा है। राजस्थान जैन सभा की ओर से प्रतिवर्ष महावीर जयन्ती पर स्मारिका प्रकाशन का कार्य गत 29 वर्षों से चल रहा है। राजस्थान जैन साहित्य परिषद् की ओर से भी साहित्य प्रकाशन का कार्य होता है। सामाजिक संस्थायें जयपुर में श्री दि.जैन अ.क्षेत्र श्री महावीर जी एवं श्री दि. जैन अ.क्षेत्र पद्मपुरा के मंत्री कार्यालय हैं जहां से इन दोनों क्षेत्रो की व्यवस्था होती है । राजस्थान जैन सभा नगर की सबसे प्रमुख सामाजिक संस्था है जिसके द्वारा विभिन्न सामाजिक आयोजन किये जाते हैं। महिला जागृति संघ महिलाओं का प्रमुख संगठन है जिसका उद्देश्य महिलाओं में सामाजिक, साहित्यिक, सांस्कृतिक जागृति पैदा करना है 1 वीर महिला संघ भी महिलाओं का पुराना संगठन है । वीर सेवक मंडल स्वयंसेवकों की संस्था है जिसके स्वयंसेवक प्रतिवर्ष महावीर जी के मेले पर जाते हैं और व्यवस्था में योगदान देते हैं। नगर की अन्य सामाजिक संस्थाओं में वीर संगीत मंडल, बाल सहेली शुक्रवार, पूजा प्रचारक समिति, शीतलनाथ संगीत मंडल, पार्श्वनाथ युवा मंडल बापूनगर आदि के नाम उल्लेखनीय हैं। सामाजिक कार्यकर्तागण वैसे तो समाज का प्रत्येक सदस्य ही सामाजिक कार्यकर्ता है फिर चाहे वह किसी सभा सोसायटी मे, मंदिर की प्रबन्ध समिति में, शिक्षण संस्थानों में, नागरिक समिति में, राजनैतिक संगठनों में अथवा किसी अन्य संगठन का सदस्य हो इसलिये किसी व्यक्ति विशेष को ही सामाजिक कार्यकर्ता कहना बड़ा कठिन है । प्रस्तुत इतिहास में हमने नगर के कुछ विशष्ट समाज-सेवियों, व्यवसायियों, उद्योगपतियों एवं शिक्षाविदों का परिचय दिया है । इनमें कुछ महानुभाव समाजसेवा में इतने धुलमिल गये हैं कि उनको देखना ही समाज को देखना है । उच्चतम एवं उच्च न्यायालय विगत 40 वषों में जैन युवा वकील न्यायालयों में स्थान प्राप्त करके समाज का गौरव बढ़ाया है । जयपुर समाज के ही एक सदस्य श्री नरेन्द्रमोहन जी कासलीवाल उच्चतम न्यायालय देहली में न्यायाधिपति बने हैं । इसी तरह सांभर के श्री मिलापचन्द जैन देहली हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश पद तक पहुंच चुके हैं । गजस्थान हाईकोर्ट में श्री मिलापचंद जैन एवं श्री नगेन्द्र जैन न्यायाधिपति के पद पर कार्य कर रहे है। इसका पूर्व श्री पानाचन्द जैन एवं श्री सौभाग्यमल जैन न्यायाधिपति रह चुके हैं।
SR No.090204
Book TitleJain Samaj ka Bruhad Itihas
Original Sutra AuthorN/A
AuthorKasturchand Kasliwal
PublisherJain Itihas Samiti Jaipur
Publication Year
Total Pages699
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, History, & Culture
File Size16 MB
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