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________________ वर्ष जनसंख्या 1911 7503 1921 6267 1931 7242 1941 8760 1951 12376 1961 15831 1981 32474 1991 40,000 (अनुमानित) उक्त आंकडों के अनुसार सन् 1921 से 1931 तक यहां की नाका होगा जो सन् 1941 में जाकर कुछ स्थिर हुआ उसके पश्चात् उसकी संख्या में निरन्तर वृद्धि हो रही है। सन् 1913 में प्रकाशित यात्रा दर्पण में जयपुर की जनसंख्या के बारे में निम्न उल्लेख मिलता है। "यहां की मनुष्य संख्या डेढ़ लाख के करीब हैं। इसमें दिगम्बर जैन खण्डेलवाल, अग्रवाल और श्रीमाल आदि जाति के 1893 घरों की मनुष्य संख्या 6524 हैं। इस साल (1913) में प्लेग के कारण जैनियों की संख्या कई हजार कम हुई है। कहते हैं कि 15-20 साल पहिले करीब 10 हजार दिगम्बर जैन थे।" जयपुर नगर का जैन समाज (197 लेकिन पिछले 11 वर्षों में जिस तेजी से गांवों के जैन परिवार जयपुर आकर बस गये हैं तथा उपनगरों में रहने लगे हैं उसको देखते हुये यहां की जनसंख्या में आशातीत वृद्धि होनी चाहिये। जयपुर नगर के एक सर्वे के अनुसार दिगम्बर जैन परिवारों की मोटे रूप में संख्या निम्न प्रकार मानी जाती है : क्रम संख्या नाम चौकड़ी / उपनगर परिवार संख्या 1 2 3 4 चौकड़ी मोदीखाना तोपखाना देश किशनपोल बाजार पुरानी बस्ती घाट दरवाजा चौकडी 4000 500 200 3000
SR No.090204
Book TitleJain Samaj ka Bruhad Itihas
Original Sutra AuthorN/A
AuthorKasturchand Kasliwal
PublisherJain Itihas Samiti Jaipur
Publication Year
Total Pages699
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, History, & Culture
File Size16 MB
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