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________________ पूर्वाचल प्रदेश का जैन समाज/121 श्री सागरमल सबलावत "गणधर" जन्मतिथि : फाल्गुन सुदी 15 संवत् 1994 । शिक्षा : राजस्थान युनिवर्सिटी से सन् 1955 में मैट्रिक पास किया। माता-पिता : पिता श्री मेघराज जी सबलावत एवं माता श्रीमती सोहनी बाई दोनों का स्वर्गवास हो चुका है। विवाह :आपका विवाह सन् 1955 में मैनसर निवासी श्री सोहनलाल जी पापड्या को ... सुपुत्री श्रीमती लक्ष्मी देवी के साथ सम्पन्न हुआ। सन्तान : आपके दो पुत्र एवं पांच पुत्रियां है। दोनों पुत्र अशोक एवं प्रदीप पढ़ रहे हैं। मंजुलता एवं सरिता का विवाह हो चुका है तथा सुमन,रेखा एवं सुगन्धा पढ़ रही हैं। व्यवसाय : ऑटो ट्रेडर्स, फुटबाल पाउण्ड के पास,डीमापुर (नागालैण्ड) विशेष :श्री सबलावत जी प्रतिभाशाली समाजसेवी हैं। हस्तिनापुर जम्बूद्वीप प्रवर्तन-चक्र के पूर्वान्चल भ्रमण के प्रचार मन्त्री रहे हैं। भारतीय स्तर, प्रादेशिक स्तर एवं नगर स्तर को सभी सामाजिक संस्थाओं से जुड़े हुये हैं । भारतवर्षीय दि. जैन र्वान्चल शाखा के मन्त्री एवं केन्द्रीय समिति के सदस्य महासभा के प्रकाशन विभाग के प्रमख कार्यकर्ता स्वाध्याय शिक्षण परिषद् सोनागिर पूर्वान्चल शाखा के प्रचार मन्त्री हैं । डिफू (आसाम) श्री जैन मन्दिर स्मारिका के मुख्य सम्पादक रह चुके हैं । डिफू में जैन मन्दिर स्थापना के सहयोगी हैं जो जिले का प्रथम मन्दिर है। सबलावत जी बहुत ही उत्साही कार्यकर्ता हैं । विद्वानों के परम भक्त हैं। सभी विद्वानों का सम्मान सेवा करते रहते हैं इसलिये भारतीय स्तर के सभी विद्वानों से आपका पत्र व्यवहार रहता है । डीमापुर आने वाले सभी को सहयोग देते रहते हैं। लेखक को डीमापुर आने पर आपसे बहुत सहयोग मिला था। आप कवि,लेखक एवं सम्पादक तीनों ही हैं। युवकों को रोजगार अथवा व्यवसाय खुलाने में पूरी रुचिलेते हैं । स्वाध्यायी हैं इसलिये चर्चाओं में रस लेते हैं । आचार्य कल्प श्रीवीरसागर जी महाराज एवं उनके शिष्य श्री क्षुल्लक सिद्धसागर जी महाराज मौजमाबाद वाले आपके विशेष प्रेरणास्रोत हैं । लेखक को गंगापुर में आपसे बहुत सहयोग मिला था। आपके तीन भाई गणपतराय,गजेन्द्र कुमार एवं अमरचन्द हैं। आप गणधर के नाम से प्रसिद्ध हैं। सर्वप्रथम आचार्य कल्प श्री वीरसागर जी महाराज के ससंघ पट्टाचार्य श्री शान्ति सागर जी के दर्शन से उनके शिष्य श्री क्षुल्लक सिद्धसागर जी के विशिष्ठ सानिध्य से स्वाध्याय प्रधान असीम चिन्तन किया। पता : ऑटो ट्रेडर्स, फुटबाल ग्राउण्ड के पास,डीमापुर (नागालैण्ड)
SR No.090204
Book TitleJain Samaj ka Bruhad Itihas
Original Sutra AuthorN/A
AuthorKasturchand Kasliwal
PublisherJain Itihas Samiti Jaipur
Publication Year
Total Pages699
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, History, & Culture
File Size16 MB
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