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पूर्वांचल प्रदेश का जैन समाज / 113
विशेष : श्री गंगवाल स्वाध्याय प्रेमी हैं। नियमित शास्त्र पठन एवं चर्चा करते हैं। बहुत ही शान्त एवं सरल स्वभावी हैं। संवत् 2030 में अपने ग्राम कुली खाचरियावास से गौहाटी कमाने-खाने आये और यहीं आकर बस गये। आपने ग्राम कुली में आदिनाथ स्वामी की प्रतिमा विराजमान करने का उत्तम कार्य किया है मुनिभक्त हैं। आचार्य विद्यासागर जी महाराज के संघ चातुर्मास में डेढ महीने रहकर आहार आदि से सेवा करने का पुण्यार्जन किया। मुनिश्री विजय सागर जी महाराज की आपने बहुत सेवा की थी। दक्षिण को लोडका सभी तीर्थों की वन्दना कर चुके हैं।
पता : 305, श्रीमन्ता मार्केट, ए.टी. रोड, गौहाटी (आसाम)
श्री महावीर प्रसाद जैन रारा
जन्य: कार्तिक बुदी 13 संवत् 1993
शिक्षा : हाईस्कूल
माता-पिता : स्व. श्री केसरी मल जी रारा, माता श्रीमती लाडा देवी जी
सन्तान श्री नरेन्द्र कुमार पुत्री सुश्री किरणबाला । आपका विवाह डीमापुर के श्री रामचन्द्र जी सेठी के सुपुत्र श्री विजय कुमार जी सेठी से सम्पन्न हुआ।
विशेष: आपके पिताश्री केसरीमल जी ने नलबाडी में दि. जैन मन्दिर का शिलान्यास किया था। आपने अपने प्राण बाय
महावीर प्रसाद एवं मनभर देवी रारा
(राज.) में पशु चिकित्सालय बनवाया था। आसाम की विभिन्न सामाजिक संस्थाओं को भारी आर्थिक सहयोग दिया था। आप बड़े धर्मपरायण रहे तथा नलबाड़ी पंच कल्याणक में स्वयं सौधर्म इन्द्र के पद से सुशोभित हुये। आर्थिका सुपार्श्वमती माताजी के नलबाड़ी में आगमन पर आयोजित तीन लोक मण्डल विधान में इन्द्र बने थे तथा आर्यिका संघ के साथ पदयात्रा भी की। आपका स्वर्गवास समाधिमरण पूर्वक हुआ। श्री महावीर प्रसाद जी ने नलबाडी मन्दिर में मूर्ति विराजमान करने का सौभाग्य प्राप्त किया । स्थानीय वीर आदर्श मण्डल के मन्त्री हैं तथा सम्पूर्ण धार्मिक कार्यों में सदैव आगे रहते हैं।
श्री रारा जी मूलतः बाप ग्राम (राज) के निवासी हैं। करीब 30 वर्ष पूर्व नलबाडी आकर रहने लगे और गल्ले का व्यवसाय प्रारम्भ किया फिर सर्राफा का धंधा करने लगे जो आजकल भी कर रहे हैं। आपकी धर्मपत्नी श्रीमती मनभर देवी बहुत धर्मपरायण हैं तथा कुली खाचरियावास के श्री हनुमान बक्श जी की सबसे छोटी पुत्री हैं। एक बार नलबाडी में आपके घर में डाकू घुस आये थे। आप जब भी नहीं डरी और बड़ी वीरता के साथ तेजाब फैककर सब डाकुओं को भगा दिया। आपके साहस एवं वीरता की लबाडी समाज में भारी प्रशंसा हुई। सरकार की ओर से भी आपको पारितोषिक देने की घोषणा हुई तथा आकाशवाणी द्वारा भी आपके साहस की प्रशंसा की गई। आपने लगातार 11 वर्ष तक दशलक्षण व्रत के उपवास किये हैं। रारा जी सामाजिक व्यक्ति हैं। आतिथ्य प्रेमी भी हैं।
पता : रारा ब्रदर्स, नलबाडी (आसाम)