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________________ 104/ जैन समाज का वृहद् इतिहास जैन मंदिर से जो भगवान पार्श्वनाथ की प्रतिमा चोरी चली गई थी उसे ढाका से वापस लाने में प्रशंसनीय कार्य किया । प्रतिदिन पूजा एवं अभिषेक करते हैं। आपने रात्रि भोजन का त्याग किया हुआ है। अच्छा स्वाध्याय करते हैं। एक बार दशलक्षण व्रत कर चुके हैं 1 श्री भागचन्द सेठी आपका जन्म 11 मई, 1955 में हुआ था। उच्च शिक्षित युवक हैं। सन् 1979 में एम.कॉम. सन् 1981 में एल.एल.बी., गौहाटी विश्वविद्यालय से कर चुके हैं। जनवरी 16, सन् 1979 को आपका विवाह हेमलता से सम्पन्न हुआ तथा दोनों पति-पत्नी को रोशन, सौरभ एवं नितिन तीनों पुत्रों के माता-पिता बनने का सौभाग्य प्राप्त हुआ । सिविल एवं क्रिमीनल केसों के अधिवक्ता है। रात्रि में भोजन का पूर्ण त्याग हैं। आचार्य श्री विमलसागर जी महाराज के अनन्य भक्त हैं । लेखन के प्रति रुचि रखते हैं। तीर्थों की बन्दना करते रहते हैं। एक बार दशलक्षण व्रत के उपवास कर चुके हैं। श्री विमलकुमार सेठी आप स्व. सेठी जी के पांचवें पुत्र हैं। भाद्रपद सुदी 7, संवत् 2013 में आपका जन्म हुआ था। आपने बी.कॉम. एवं कम्पनी सेक्रेट्री की शिक्षा प्राप्त की। सन् 1939 में आपका विवाह श्रीमती रेणु देवी के साथ सम्पन्न हुआ। दो पुत्र और दो पुत्रियों के पिता हैं। आप स्टोन क्रशिंग इण्डस्ट्री का कार्य देखते हैं। मारवाड़ी युवा मंच के अध्यक्ष हैं। णमोकार मंत्र पर आपकी दृढ़ श्रद्धा है। आप इस मंत्र के चमत्कार की कितनी ही घटनायें सुनाते रहते हैं। इस मंत्र के प्रभाव से एक बार आपने सर्प को पकड़कर भी फेंक दिया था। रात्रि में भोजन का पूर्ण त्याग है। आप एक बार दशलक्षण व्रत के उपवास कर चुके हैं। डॉ. विजय कुमार सेठी आपका जन्म सन् 1959 में डीमापुर (नागालैण्ड) में हुआ था। आप बंगलौर स्थित सेन्ट जोन्स मेडीकल कॉलेज से एम.बी.बी.एस. तथा असम मेडिकल कॉलेज डिब्रूगढ़ से एम.एस. (सर्जरी) परीक्षा उत्तीर्ण करने के पश्चात् नागालैण्ड सरकार की सेवा में आ गये। वर्तमान में श्री विशुद्धानन्द हॉस्पिटल एण्ड रिसर्च सेन्टर कलकत्ता में कार्यरत हैं। आप भी प्रतिदिन अभिषेक एवं जिनेन्द्र पूजन करते हैं। आप भी आचार्य श्री विमलसागर जी महाराज के अनन्य शिष्य हैं। आपका विवाह गजकुमार जी खजान्ची जयपुर/ कलकत्ता की सुपुत्री सरिता के साथ सन् 1983 में सम्पन्न हुआ । आपके एक पुत्र और एक पुत्री हैं। दम्पत्ति के शुद्ध खान-पान का नियम है । इस प्रकार पूरा सेठी परिवार धार्मिक, समाज सेवा में समर्पित एवं व्यवसाय कुशल है 1 पूरा परिवार ज्येष्ठ भ्राता पन्नालाल जी के निर्देशन में चलता है। अभी एक वर्ष पूर्व पत्रालाल जी के बड़े पुत्र संजय की डाकुओं द्वारा हत्या कर दी गई जिसके लिये डीमापुर नगर एवं समाज में हार्दिक शोक प्रकट किया गया । पता : के.एल.सेठी एण्ड सन्स, जी.एस. रोड़, डीमापुर (नागालैण्ड)
SR No.090204
Book TitleJain Samaj ka Bruhad Itihas
Original Sutra AuthorN/A
AuthorKasturchand Kasliwal
PublisherJain Itihas Samiti Jaipur
Publication Year
Total Pages699
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, History, & Culture
File Size16 MB
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