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________________ श्री धनराज बगड़ा ( कासलीवाल) श्री धनराज बगड़ा, विजयनगर (आसाम) के प्रतिष्ठित श्रेष्ठी हैं। आपका जन्म संवत् 1964 में हुआ था। आपके पिता का नाम श्री जैतरूपजी एवं माता सुगनीबाई थी । प्रारम्भिक शिक्षा प्राप्त करने के पश्चात् आप व्यवसाय में लग गये। वैसे आप मूलतः कसुम्ली ग्राम के निवासी थे जो नागौर जिले में स्थित है। वहां से लाडनूं आये और लाडनूं से फिर पलासबाडी चले गये। सन् 1958 में जब पलामवाडी ब्रह्मपुत्र नदी की बाढ़ में बह गया तो विजयनगर बसाकर वहीं रहते रहने लगे। विजयनगर को बसाने के लिये जो समिति बनी थी उस कमेटी के आप अध्यक्ष थे | इस प्रकार कहा जा सकता है कि विजयनगर को बसाने वालों में आपका प्रमुख योगदान रहा। स्व. नारायणी देवी धर्मपत्नी धनराज बगड़ा श्री धर्मचन्द पाटनी पूर्वांचल प्रदेश का जैन समाज /101 आपका विवाह श्रीमती नारायणी देवी के साथ हुआ। जिनका कुछ समय पहले स्वर्गवास हो चुका है। आपको 6 पुत्र एवं पुत्री के पिता बनने का सौभाग्य प्राप्त है। पुत्रों के नाम सर्व श्री त्रिलोकचंद बगड़ा, श्रीपाल, शान्तिलाल, घेवरचंद, प्रकाशचन्द एवं उत्तमचन्द बगड़ा हैं। आपकी एक मात्र पुत्री का नाम कंचन है । आप वर्षो से विजयनगर जैन समाज के प्रमुख हैं तथा समाज की प्रत्येक गतिविधि में आगे रहते हैं। सन् 1976 एवं 1978 में विजयनगर में होने वाले पंचकल्याणक समिति के आप अध्यक्ष थे। आपकी ओर से विजयनगर के मंदिर में दो प्रतिमायें विराजमान की गईं। पता : विजयनगर (आसाम) जन्मतिथि: 1 अप्रैल, 1936 शिक्षा: सन् 1957 में मणिपुर कॉलेज से बी.कॉम. पास किया । पिता : स्व. श्री जौहरीमल जी पाटनी, आपका मात्र 55 वर्ष की आयु में 1967 स्वर्गवास हो गया । माता : श्रीमती भंवरी देवी पाटनी, आयु 75 वर्ष । विवाह : वर्ष 1953 में श्रीमती शर्बती देवी के साथ सम्पन्न हुआ । सन्तान पुत्र 3 1. प्रभात कुमार - आयु 30 वर्ष, विवाहित, पत्नी मंजू देवी, पुत्र-1, पुत्री - 1 2. सुनील कुमार आयु 28 वर्ष, विवाहित, पत्नी नीता ।
SR No.090204
Book TitleJain Samaj ka Bruhad Itihas
Original Sutra AuthorN/A
AuthorKasturchand Kasliwal
PublisherJain Itihas Samiti Jaipur
Publication Year
Total Pages699
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, History, & Culture
File Size16 MB
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