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________________ रचयिता कवि क्र. तीर्थ क्षेत्र का नाम तीर्थक्षेत्र पूजा-काव्य शान्निनाथपूजन II. बडगामात्र कवि सुधेश जनः मानवाई नमजी मिश्रीलाल 17. नारखेड़ा अति क्षेत्र क्षेत्रपूजा ऋपभडवपृजा 15. नांदबड़ी अनि सत्र क्षेत्रना ऋषभदेवपूजा 4. बांदखट्टा अति.क्षत्र क्षेत्रपूजा ऋषभदाजा 1. घाँदखेड़ी इति क्षेत्र क्षेत्रपूजा ऋषभदेवपुजा 51. मूडचिड़ी आंतशयक्षेत्र चतविशाल तार्थकरमजा पचन्द्र कांत मनमल श्वेताम्बर जन नीर्थी के पृना-काव्य इस प्रकार है : रचयिता क्र. पुस्तक का नाम 1. विविध पूजा मंग्रह 2. जन रत्नसार ::. स्तवन माय सग्रह I. मगंजन 1. श्री नवपद पूजा 5. गदबाम प्रतिक्रमण २. स्नात्रपूजा विधि ते. स्नात्र पूजा ५. शान्ति जिनकलश 10. स्नात्र पूजा TH. श्री आदिनाथ जन्माभिषेक कलश 12. श्री पार्श्वनाथ कलश 1. श्री आजतनाथ कलश 11. श्री वर्धमानजन्माभिषेक कलश 15. स्नात्र पूजा विजयाश्य सूरोश्वर बिजबधि सूरीश्वर मुनि मुक्निसागर जी मनि मंगलसागर पं. हरजीवनदास पं. वीरविजय श्री ज्ञानयिमल सूरि श्री देवपाल कवि पं. हरजीयनदास पं. हरजीवनदास पं. हरजीवनदास पं. हरजीवनदास पं. देवचन्द्र जन पूजा काय · एक चिन्तन
SR No.090200
Book TitleJain Pooja Kavya Ek Chintan
Original Sutra AuthorN/A
AuthorDayachandra Jain
PublisherBharatiya Gyanpith
Publication Year
Total Pages397
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari & Devotion
File Size7 MB
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