SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 311
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ रेशन्दी गिरितीर्थ पूजाकाव्य स्व. त्यागी दीलतराम वर्णी द्वारा भक्ति भावपूर्ण रेशन्दीगिरि तीर्थ के पूजा - काव्य की रचना की गयी है। इस काव्य में 19 पद्य तीन प्रकार के छन्दों में निबद्ध हैं। इसके अध्ययन करने से पूज्य तीर्थ क्षेत्रों के प्रति आस्था, तपस्वी-मुनिराजों के प्रति नम्रता, परमात्मा के प्रति अर्चना की भावना जागृत होती है। उदाहरणार्थ कतिपय पद्यों का दिग्दर्शन इस प्रकार है स्थापना- दोहा छन्द पावन परम सुहावनो, गिरि रेशन्द अनूप । जजहुँ मोद उर धर अति, कर त्रिकरण शुचि रूप || जलार्पण का पद्य - नन्दीश्वरचाल अति निर्मल क्षीरधिवारि, भर हाटक शारी जिन अग्रदेव त्रयधार, करन त्रिरुज छारी । पन वरदत्तादि मुनीन्द्र शिवथल सुखदाई पूजों श्री गिरि रेशदि प्रभुदित चित थाई ॥ ' बीना - बारहा तीर्थ श्री दि. जैन अतिशय क्षेत्र बीना - बारहा मध्यप्रदेशीय सागरमण्डलान्तर्गत रहली तहसील में अवस्थित है। इसको प्राप्त करने के लिए मध्यरेलवे के बीना-कटनी मार्ग के सागर स्टेशन का तथा जबलपुर इटारसी मार्ग के करेली स्टेशन का माध्यम ग्रहण करना चाहिए। इस तीर्थ को प्राप्त करने के लिए नियमित बस सेवा भी सब स्थानों में उपलब्ध होती है । इस अतिशय क्षेत्र पर 6 दि जेन मन्दिर हैं। उनमें भगवान शान्तिनाथ के मुख्य मन्दिर में शान्तिनाथ की खड्गासन प्रतिमा 15 फीट उन्नत अवगाहना से विभूषित विराजमान है। इसके इतिहास के सम्बन्ध में अनेक प्रकार की अनुश्रुतियाँ प्रचलित हैं। यहाँ भगवान शान्तिनाथ की मूर्ति सातिशय चमत्कारपूर्ण है। अपने अतिशयों के कारण यह मूर्ति जनसामान्य में अत्यधिक श्रद्धा अर्जित किये हैं। बीना बारहा क्षेत्र के मूलनायक शान्तिनाथ का पूजा - काव्य कविवर वृन्दावन ने शान्तिनाथ पूजा - काव्य की रचना कर हार्दिक भक्तिभाव को व्यक्त किया है। इस काव्य में 30 पच, पाँच प्रकार के छन्दों में निबद्ध किये t. बृहद् महावीर कीर्तन सं. पं. मंगलसेन विशारद पृ 766-766 ; : जैन पूजा काव्य में तीर्थक्षेत्र : 315
SR No.090200
Book TitleJain Pooja Kavya Ek Chintan
Original Sutra AuthorN/A
AuthorDayachandra Jain
PublisherBharatiya Gyanpith
Publication Year
Total Pages397
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari & Devotion
File Size7 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy