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________________ २२ Ba (भ० ) श्रीभूषण ५३९ श्री वल्लभ (राजा) १७७ श्रीषेण सूरि ३७१ श्रुतकीर्ति ३३८ श्रुतकीर्ति ३०६ (भ०) श्रुतकीर्तिश्रुत मुनि ४३७ (ब्रह्म) श्रुतसागर ५०८ ( भ० ) सकल कीर्ति ४६१ सकल कोति ४३२ सकल चन्द्र भट्टारक ४३१ ( भ० ) सकल भूषण ५४१ ( प्राचार्य) समन्तभद्र १२ (लघु) समन्तभद्र ४३० (अभिनव ) समन्तभद्र ५०० सर्वनन्दी भट्टारक १६८ सर्वनन्दी भट्टारक २१३ सर्वनन्दी १६७ मुनि सर्वनन्दी १२२ सागर नन्दी सिद्धांतदेव ३३६ सागर सेन सिद्धांतिक २७६ (ब्रह्म) साधारण ४६८ (कवि) सिद्ध और सिंह ३६२ सिद्ध नन्दी १२५ सिद्धभूषण सैद्धान्तिक मुनि १९७ सिद्धसेन १०७ सिद्धान्त कीर्ति १५३ सिंह नन्दि १०३ जैन धर्म का प्राचीन इतिहास - भाग २ सिंहनन्दि गुरु १५६ ( भ० ) सिंहनन्दी ५४६ सुधर्म स्वामी ( गणधर ) २६ सुमति (सन्मति ) देव १४० ( भ० ) सुमति कीर्ति ५४७ सुमतिदेव १४१ सुप्रभाचार्य ४५४ सोमकीर्ति ५१६ सोमदेव २२० सोमदेव ४८६ ( मुनि) सोमदेव ४०० स्वयंभू कवि १५६ स्वामिकुमार १२७ सन् १६ (पं. हरपाल (वैद्यक ग्रन्थ कर्ता ) ४४१ हल्ल या हरिचन्द ४६६ (a) हरिचन्द्र ४७६ ( महाकवि ) हरिचन्द्र ३१७ हरिदेव ४०१ हर्षनन्दी ३१६ (कवि) हरिषेण २२६ हरिषेण २१० (श्री) हरिषेण २२ε हरिसिंह मुनि ३१६ हस्तिमल्ल ४५२ (ब्रह्म) हेमचन्द्र २६२ हेमसेन ३१६ लाचार्य २२५
SR No.090193
Book TitleJain Dharma ka Prachin Itihas Part 2
Original Sutra AuthorN/A
AuthorBalbhadra Jain
PublisherGajendra Publication Delhi
Publication Year
Total Pages566
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, History, & Story
File Size19 MB
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