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________________ जैन धर्म का प्राचीन इतिहास-भाग २ १८ गोपनन्दी २५६ गोल्लाचार्य २३६ गोवर्द्धन (श्रुतकेवली) ४६ गोबर्द्धनदेव ३०० (कवि) गोविन्द ५०२ चउमुह (चतुर्मुख) १४३ (भ.) चन्द्रकोर्ति ५४० चन्द्रकीर्ति ३५६ चन्द्रकीति ३४७ चन्द्रकीर्ति ३४ चन्द्रकीति नाम के दूसरे विद्वान ३४६ चन्द्रकीति (श्रुतविन्दु के कर्ता) ३४६ चन्द्रदेवाचार्य २३७ चन्द्रनन्दि ११३ चन्द्रनन्दि १६० चन्द्रप्रभाचार्य ३०६ चन्द्रसेन १६२ (कवि) चन्द्रसेन ५०२ चामुण्डराय ३६५ (मभिनव) चारुकीर्ति पंडित देव ४६५ चितकाचार्य १२६ छत्रसेन ३३६ (कवि) जगन्नाथ ५५१ जयसिंहनन्दी १३६ (कवि) जन्न ४२६ जटाकीर्ति २७५ जयकोति २२७ जयदेवपंडित १६० जयसेन २३८ जयसेन १७३ जयसेन (प्राभत यटीकाकार) ३८३ जयसेन ३२४ जयसेन ३११ (कवि) जल्हिग ५०० (५०) ज़िनदास ५३० जिनसेनाचार्य १७४ जिनसेनाचार्य १४८ जिनसेन २६४ (ब्रम्ह) जीवंधर जोइन्दु (योगीन्द्रदेव) १२८ ज्ञानकीति १४४ (भ०) शानभूषण ५०४ (कवि) ठकुरसी ५२१ (शाह) ठाकुर ५३७ (कवि) डड्ढा २५७ तुम्बुलू राचार्य ११२ (कवि) तेजपाल ५१५ तलमोलिदेवर १६० तोरणाचार्य २३६ तोलकप्पिय ८६ त्रिभुवनचन्द्र ३२३ त्रिभुवन मल्ल ३५३ त्रिविक्रमदेव ४३२ कालयोगीश २२३ दयापालमुनि ३२३ दशरथगुरु १५२ दामनन्दि भट्टारक ३०० दामनन्दि २०० दामनन्दि ३०१ दामराज ३०२ (कवि) दामोदर ३६४ (कवि) दामोदर ५०६ दिवाकरनन्दि सिद्धान्तदेव २५१ दुर्गदेव २५२ देवकीर्ति ३४८ देवकीतिपंडितदेव ३०० (मुनि) देवचन्द्र ३८२ देवनन्दि (पूज्यपाद) ११५ (भ०) देवेन्द्रकीति - देवेन्द्रमुनि ३७३ देवेन्द्रसैद्धान्तिक १६६ देवसेन २८६ देवसेनगणी (सुलोचना च० कर्ता) ३७९ देवसेन (भावसंग्रह के कर्ता) ४३६ देवसेन भट्टारक २३, देवसेन २३१ देवसेन १५६ देवसेन (दर्शनसार के कर्ता) २३१ (कवि) दोड्डय्य ५३० (आचार्य) दोलामस (धृतिसेन) ६५ (महाकवि) धनंजय १३८ (कवि) धनपाल ४८८
SR No.090193
Book TitleJain Dharma ka Prachin Itihas Part 2
Original Sutra AuthorN/A
AuthorBalbhadra Jain
PublisherGajendra Publication Delhi
Publication Year
Total Pages566
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, History, & Story
File Size19 MB
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