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जैन धर्म का प्राचीन इतिहास शार्दूल की पीठ पर प्रायुध लिए कोई मनुष्य बैठा रहता है।
" कीतिमुख-इसका अंकन प्रायः स्तम्भों, तोरणों और कोष्ठकों आदि में होता है। इनके मालाएँ, लड़ियाँ और शृंखलाएं लटकती दिखाई पड़ती हैं।
कीचक-स्तम्भ के शीर्थों पर बैठा हुआ मनुष्य छत का भार वहन करता है।
गंगा यमुना-मन्दिर के द्वारों पर एक और मकरवाहिनी गंगा होती है और दूसरी और कच्छपवाहिनी यमुना होती है।
शेष प्रतीक स्पष्ट ही हैं।