SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 3
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ [ ३ ] पं. बारेलालजी जैन राजवैद्य पठा द्वारा संग्रहीत १४४ प्रकारके व्रतोंकी सूची अष्टान्हिका षटरसी समकित चौवीसी भाद्रवनसिंहनिः क्रीडित धर्मचक्रव्रत श्रुतकल्याणक ज्ञानपच्चीसी एकावलितपव्रत वज्रमध्यव्रत निर्दोषसप्तमीव्रत तीनचौवीसीव्रत कर्मचुरखत एसोदशव्रत गन्धअष्टमीव्रत निर्वाणकल्याणकबेला वीरजयन्तीव्रत मनचिन्ती अष्टमीव्रत फलदशमी रत्नत्रय णमोकार पैतीसी तक्षत्रमाला बारहसै चौतोसी लघुजिनेन्द्र गुणसम्पत्ति मध्यकल्याणक सोलहकारण ज्येष्ठ जिनवर भावना पच्चीसी लघुसिंहनिष्क्रिडीत बृहदधर्मचक्रव्रत 'चतु: कल्याणक बृहदरत्नावलिव्रत द्विकावलित्रत मेरुपक्तिव्रत चन्दनषष्ठीव्रत जिनसुखावलोकन कर्मक्षयत्रत कजिकव्रत नन्दीश्वरपंक्तिव्रत बृहद्पंचकल्याणक रक्षाबन्धनव्रत सौभाग्यदशमी दीपदशमी पुष्पांजलि नवकोरनत लब्धिविधान सर्वतोभद्र बृहत्सुखसम्पत्ति श्रुतस्कन्ध दशलक्षण रविव्रत - पल्यविधान त्रिगुणसार बृहद्जिनेंद्रगुण संपत्ति लघुकल्याणक मध्यरत्नावलि लघुडिकावलिव्रत अखैनिधिवत सुगन्धदशमीव्रत मुक्टससमीव्रत श्रुतिपंचमीव्रत अनस्तमीव्रत विमानपंक्तिव्रत धनकलश दीपमालीका दशमीनिमानी धूपदशमी मनुष्ठिविधान चौवीसीतीर्थकर सप्तकुम्भ महासर्वतोभद्र लघुसुखसम्पत्ति श्रुतज्ञान
SR No.090191
Book TitleJainvrat Katha Sangrah
Original Sutra AuthorN/A
AuthorDeepchand Varni
PublisherDigambar Jain Pustakalay
Publication Year
Total Pages157
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari & Story
File Size2 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy