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________________ सुनिनगराज ने 'आगम और त्रिपिटक' : एक अनुशीलन शीर्षक ग्रन्थ (कलकत्ता, 1969) में छोटे-बड़े ऐसे 12 पालि ग्रन्थों के उद्धरणों का संकलन किया है, जिनसे यह सिद्ध होता है कि दोनों महापुरुष समकालीन थे। उन्होंने पूरी छान-बीन के साथ वीर निर्वाण काल ई. पू. 527 प्रमाणित किया हैं । बौद्ध साहित्य में प्रयुक्त महावीर विषयक प्रसंग तीन दृष्टियों से चित्रित हैं-चर्चा प्रसंग, घटना प्रसंग उल्लेख प्रसंग। डॉ. शोभनाथ पाठक लिखते हैं "भगवान महावीर और महात्मा बुद्ध समकालीन थे। तत्कालीन समाज को सँवारने की दृष्टि से दोनों विभूतियों द्वारा क्रमशः अर्द्धमागधी (प्राकृत) व पालि भाषा में अहिंसा, सत्य, अस्तेय, अपरिग्रह, ब्रह्मचर्य व पंचशील आदि की गरिमा को समझाया।"" इस प्रकार उनके शिष्यों ने उसे सूत्रबद्ध (आगम और त्रिपिटक) करके उनकी वाणी को स्थायित्व प्रदान किया है। डॉ. सागरमल जैन 'ऋषिभाषित : एक अध्ययन' में महावीर की ऐतिहासिकता पर विवेचन करते हुए लिखते हैं- "मेरी यह मान्यता है कि ऋषिभाषित के वद्धमाण और थेर गाथा के वद्धमाण एक ही व्यक्ति हैं। साथ ही पालि त्रिपिटक के 'निम्गण्ठ नातपुत्त' और जैन परम्परा के बर्द्धमान महावीर भी ऋषिभाषित और थेर गाधा के वर्द्धमान ही हैं। इस आधार पर वर्द्धमान की ऐतिहासिकता भी सुस्पष्ट है। "2 बौद्धग्रन्थों में महावीर को 'णाठपुत्त', 'निगण्ठ नातपुत्त' कहा गया है, महावीर के माता-पिता ज्ञातृकुल के थे, इसीलिए इन्हें 'ज्ञातृपुत्र' कहा गया । 'ज्ञातृपुत्र' संस्कृत का, ‘णाठपुत्त' प्राकृत का, 'नातपुत्त' पालि का शब्द हैं। महावीर बाह्याभ्यन्तर परिग्रह की गाँठों में बँधे हुए नहीं थे, अतः वे 'णिग्गण्ठ' निर्बंध हैं। भगवान महावीर और समकालीन ऐतिहासिक पुरुष वैशालीनरेश चेटक - अपभ्रंश के 'महापुराण' ग्रन्थ में तथा संस्कृत के उत्तरपुराण में वैशाली - राजा चेटक का वृत्तान्त आया है। उनकी सात पुत्रियाँ थीं। सबसे बड़ी पुत्री का नाम प्रियकारिणी था, जिसका विवाह कुण्डपुर नरेश सिद्धार्थ से हुआ था । वे ही महावीर के माता-पिता थे। चेटक की छठी पुत्री का नाम चेलना था, जिसका विवाह राजा श्रेणिक से हुआ था। सातवीं कन्या चन्दना थी, जिसने बन्दिनी अवस्था में भक्ति से महावीर को आहार दिया था। महावीर से दीक्षा लेकर वह आर्यिका संघ की प्रमुख बनी। इससे स्पष्ट है कि वैशालीनरेश चेटक महावीर के नाना थे। मगध नरेश श्रेणिक, कौशाम्बीराजा शतानीक उनके मौसिया थे। चन्दना उनकी मौसी थी । मगधनरेश श्रेणिक बिम्बिसार मगध देश के राजा श्रेणिक का भगवान 1. डॉ. शोभनाथ पाठक भगवान महावीर, 10 2. डॉ. सागरमल जैन ऋषिभाषित एक अध्ययन, पृ. 72 . भगवान महावोर की जीवनी के स्रोत : ॥
SR No.090189
Book TitleHindi ke Mahakavyo me chitrit Bhagavana Mahavira
Original Sutra AuthorN/A
AuthorSushma Gunvant Rote
PublisherBharatiya Gyanpith
Publication Year
Total Pages154
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, Biography, & Story
File Size3 MB
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