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घण्टाकर्ण मंत्र कल्पः
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सर्व सिद्धि दायक यंत्र विधि . इस चक्राकार यंत्र को थाली में खुदवाकर यंत्र प्रतिष्ठा करें, बड़े वाले घण्टाकर्ण मूलमंत्र का १२५०० जाप दीप धूप रखकर करें।
जाप के बाद दशांश होम करें । यंत्र सिद्ध होगा।
इस यंत्र को नित्य सामने रखकर घण्टाकर्ण मूलमंत्र का जाप्य करें, जाप्य करने से चिंतित कार्य की सिद्धि होती है।
यह यंत्र चिंतामणि यंत्र है, प्रत्येक कार्य को सिद्धि करने वाला है । इस यंत्र के प्रति बुरे भाव नहीं रखें। इसके प्रति परोपकारी भावना रखनी चाहिए। इस यंत्र का पानी रोगी को पिलाने से सर्व रोग शांत होते हैं।
यंत्राराधना से धन की वृद्धि होती है, प्रत्येक सुख प्राप्त होते हैं, समाज में मान-सम्मान प्राप्त होता है, संतान सुख की प्राप्ति होती है, विद्या-बुद्धि ज्ञान की प्राप्ति होती है।
(इस यंत्र के लिए यंत्र चित्र नं० ५१ देखें)
परिशिष्ट चित्र नं. ५२ से आगे के सभी यंत्र चित्र मणिलाल साराभाई के द्वारा ।। • मुद्रित घण्टाकर्ण कल्प से उधृत हैं।
(इस यंत्र के लिए यंत्र चित्र नं० ५२ देखें)
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Pानाहाश्य २१ १२ १०-दरल्ला १२५
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[ यंत्र चित्र नं. ५२]