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घण्टाकर्ण मंत्र कल्प:
शातिनिधि अन्य यंत्र विधि :---
प्रथम घण्टाकर्ण मूल मंत्र का प्राकार लिखें। ऊपर बीच में 'ॐ' लिखें, फिर घण्टाकर्ण मूल मंत्र से उसे वेष्टित करें, चौकोर आकार लिखें, मंत्र अष्टगंध से लिखें। ... अष्टोपचारी पूजा करें। फिर दशांस होम करें।
यंत्र शुद्ध भोज़ पत्र पर डाभ की कलम से लिखें । या चान्दी सोना मिश्रित ताम्र पत्र पर लिखें।
यंत्र पास में रखें।. ..
. इससे धन, धान्य, लक्ष्मी की वृद्धि होती है, पशुओं के रोग नष्ट होते हैं । गले में बांधे तो सर्व शांति होती है।
.... (यंत्र मिश्र नं. देखें)
अन्य विधि नं. १ - इस यंत्र को रविवार के दिन भोज पत्र के ऊपर अष्टगंध से लिखकर : मुगुल खेकर पवित्रता से रहें तथा श्वेत वस्त्र, श्वेत प्रासन, श्वेत माला रखें, उस
समय मुह.पूर्व दिशा की ओर हो ऐसा करके मूलमंत्र का ११००० जाप्य : तीन दिन के भीतर करें।
तीन दिन तक एकासन करें, निरन्तर दोप, धूप, फल पुष्प, नैवेद्य आदि से पूजा करे । . .. . . .
. सामग्री
किसमिश, चिरौंजी, बादाम, मिश्री प्रादि. से. हवन करें। ..
यंत्र को चांदी के अन्दर मढावें, मस्तक वा गले में बांधे, सर्व रोग नष्ट होते हैं। भूत-प्रेतादिक का उपद्रव शांत होता है । चित्तनम नष्ट होता है, सुख उत्पन्न होता हैं । यह अनुभूत यंत्र है। प्रत्यक्ष हैं।...
(यंत्र चित्र नं. देखें।)