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________________ २ जे जीवमां वीजा पांच द्रव्यना १ द्रव्य २ खेत्र ३ काल ४ भाव ते परद्रव्यना गुणपर्याय जीवमांनथी एटले पर द्रव्यना गुणनो नास्तिपणो सर्व द्रव्यमां के ए स्यात् नास्ति बीजो भांगो थयो . द्रव्य स्वगुणे अस्ति अने परगुणे नास्ति ए वे भांगा एक समये द्रव्यमां के जेम जे समये शुद्ध स्वगुणनी अस्ति के | तेज समयें परगुणनी नास्ति पण छे माटे अस्ति नास्ति ए बेहुं भांगा भेला छे ते स्यात् अस्ति नास्ति बीजो भांगो थयो . ४ अस्ति अने नास्ति ए बेहु भांगा एक समयमां छे तो वचने करी अस्ति एटलो बोलतां असंख्याता समय लागे तेथी नास्ति भांगो. तेज वखते कहवाणो नही अने जो नास्ति भांगो कह्यो तो अस्ति पण नाव्यो माटे एकज अस्ति कहेतां थकां नास्तिपणो तेज समये द्रव्यमां छे ते नही कहेवाणो माटे मृषावाद लागे तेमज नास्ति कहलां अस्तिनो मृषावाद लागे माटे वचने अगोचर छे एक समयमा बेहु वचन बोल्या जाय नही केमके एक अक्षर बोलतां असंख्याता समय लागे छे माटे वचनथी अगोचर हे ते स्यात् अवक्तव्य ए चोथो भांगो को ५ ते अवक्तव्यपणो वस्तुमां अस्तिधर्मनो पण हे माटे स्यात् अस्ति अवक्तव्य पांचमो भांगो कह्यो. ६ तेमज नास्ति धर्मनो पण अवक्तव्य पणो वस्तु मध्ये छे माटे स्यात् नास्ति अवक्तव्य छट्टो भांगो जाणवो. ७ ते अस्तिपणो तथा नास्तिपणो बेहु धर्म एक समये वस्तु मध्ये छे पण वचनथी अवक्तव्य छे माटे स्यात् अस्तिनास्ति युगपत् अवक्तव्य ए सातमों भांगो को . हवे ए सात भांगा नित्य तथा अनित्यपणमां लगाडे छे १ स्यात् नित्यं २ स्यात् अनित्यं ३ स्यात् नित्यानित्यं ४
SR No.090175
Book TitleJivvicharadiprakaransangrah
Original Sutra AuthorN/A
AuthorJindattsuri Gyanbhandar Surat
PublisherJindattsuri Gyanbhandar
Publication Year
Total Pages305
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, Philosophy, Religion, & Principle
File Size7 MB
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