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५०
लङ्का
लव
लक्ष
लाभ
वकुल
शब्द
वज्र
(अन्वायाम छेद)
वज्रवर्तन
वर्गमूल
वर्ण
वर्धमान
वल्लिका
वल्लिका कुट्टीकार
सूत्र
३३
६४
५
२५
३२
२
w
३६
१६९
१
} ११५२
वाह
३८
विचित्र कुट्टीकार २१६
वितस्ति
विद्याधर नगर
विषम कुट्टीका
विषम चतुरश्र
३०
६२
१३४
५
अध्याय पृष्ठ
स्पष्टीकरण
९ २७० | वह स्थान जहाँ उज्जैन से निकलने
वाला ध्रुववृत्त ( meridian ) विषु
वत् रेखा से मिलता है ।
काल माप ।
१
६
४
60
३
२
६
७
५
८ लाख, संकेतना का छठवाँ स्थान । भजनफल या हिस्सा ( अंश ) ।
९२
७२
वृक्ष का नाम ।
५ ८३
१
गणितसारसंग्रह
१८८ इंद्र का आयुध ।
३६. | भिन्नों के गुणन में तिर्यक् प्रह्रासन ।
१५
वह इष्ट राशि जिसका वर्ग करने से वह दत्त राशि उत्पन्न होती है जिसका वर्गमूल निकालना इष्ट होता है ।
६ १३५ ( साहित्यिक ) रंग शुद्ध स्वर्ण १६
वर्ण का मानकर दत्त स्वर्ण की शुद्धता
के अंश का अभिधान वर्ण द्वारा होता है ।
चौबीसवें तीर्थंकर |
११५
१
५
६ १४५
लता सदृश अंकशृंखला पर आधारित अनुपाती वितरण |
धान्य सम्बन्धी आयतन माप ।
अनुपाती विभाजन समन्वित विचित्र एवं मनोरञ्जक प्रश्नावलि ।
४ लम्बाई का माप ।
८ २६७ यहाँ आयताकार नगर का प्रयोजन मालूम पड़ता है ।
६ १२३ भिन्नीय राशियों का अंतर्धारक अनुपाती ( भिन्न कुट्टीकार ) ।
१८१ | सामान्य चतुर्भुज ।
अभ्युक्ति
परिशिष्ट ४ की सूची २ देखिये ।
Mimusops Elengi.
परिशिष्ट ४ की सूची १ देखिये ।