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________________ गणितसारसंग्रह शब्द सूत्र अध्याय पृष्ठ स्पष्टीकरण अभ्युक्ति प्रभाग प्रमाण ३ ५९ । भिन्न का भिन्न (भाग का भाग)। १ ४ लम्बाई का माप । परिशिष्ट ४ की सूची १ देखिए। इच्छा की संवादी दत्त राशि जो त्रैराशिक प्रश्नों से सम्बन्धित है। धान्य सम्बन्धी आयतन माप । प्रवर्तिका प्रस्थ परिशिष्ट ४ की सूचियाँ ३ और ६ देखिये। प्रक्षेपक प्रक्षेपक करण प्लक्ष FNT ur ur v १०८ अनुपाती वितरण । ०८ अनुपाती वितरण सम्बन्धी क्रिया । | २६८ वृक्ष का नाम; प्रोदुम्बर । Fious Infectoria, or Religiosar फल त्रैराशिक प्रश्न में निकाली जाने वाली राशि की संवादी दत्त राशि। ७ कङ्कण की बाहिरी परिधि । बहिश्चक्रवाल वृत्त १९७ बाण १११, बालेन्दु क्षेत्र बीज धनुषाकार क्षेत्र में चाप और चापकर्ण की महत्तम उदग्र दूरी। (height of a segment) २०० चंद्रमा की कला सदृश क्षेत्र ।। ( साहित्यिक ), बोया जाने वाला धान्य आदि। २०४ | (यहाँ) इसका उपयोग धनात्मक दो पूर्णाङ्कों के अभिधान हेतु होता है जिनके गुणनफल एवं वर्गों की सहायता से भुजाओं के माप को निकालने पर समकोण त्रिभुज संरचित होता है। | ७ भाग कुप्य ( baser ) धातुओं का माप परिशिष्ट ४ की सूची ६ देखिये। भागानुबंध ११३ संयव भिन्न ( Fractions in association) वियुत भिन्न (Dissociated fractions ) भागापवाह
SR No.090174
Book TitleGanitsara Sangrah
Original Sutra AuthorMahaviracharya
AuthorA N Upadhye, Hiralal Jain, L C Jain
PublisherJain Sanskriti Samrakshak Sangh
Publication Year1963
Total Pages426
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, Mathematics, & Maths
File Size35 MB
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