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________________ गणितसारसंग्रह - शब्द सामान्य अर्थ संख्या अभिधान उद्गम 10. यति मुनि Sage ७ | मुनि देखिए। रजनीकर | चंद्रमा The Moon | १ | इन्दु देखिए। त्रयनिधि Trinity | जिनागम में मोक्ष का मार्ग सम्यग्दर्शन, सम्यग्ज्ञान, और सम्यग्चारित्र का एक होना बतलाया गया है, जिन्हें तीन रत्न भी निरूपित किया गया है। मूल्यवान पत्थर A pre- | ९| नव प्रकार के रत्न माने गये हैं : वज्र, वैडूर्य, गोमेद, cious gem पुष्पराग, पद्मराग, मरकत, नील, मुक्ता, प्रवाल। छिद्र Opening मानव शरीर में नव मुख्य रन्ध्र होते हैं। स्वाद Taste मुख्य रस छः हैं : मधुर, अम्ल, लवण, कटुक, तिक्त, कषाय । शिव का नाम Name ११ मृड देखिए । of a Deity आकार Form or | १ प्रत्येक वस्तु का केवल एक रूप होता है। shape नव शक्तियों की प्राप्ति | ९ | नव लब्धियों निम्नलिखित हैं : अनन्त दर्शन, अनन्तAttainment of ज्ञान, क्षायिक सम्यक्तव, क्षायिक चारित्र, क्षायिक दान, nine powers शायिक लाभ, क्षायिक भोग, क्षायिक उपभोग, क्षायिक वीर्य। ये कर्मों के क्षय से क्षायिक भाव के रूप प्राप्त होते हैं। लन्धि Attainment लब्ध देखिए। लेख्य World भुवन देखिए। लोचन आँख The eye अक्षि देखिए। वर्ण ६ | जिनागम में वर्ण के पांच प्रकार हैं : कृष्ण, नील, पीत, | रक्त और श्वेत । . वैदिक देवताओं की एक ८ ये देवता संख्या में आठ होते हैं। aifa A class of Vedio deities वह्नि अग्नि Fire ३ | अग्नि देखिए। वारण हाथी Elephant इभ देखिए। वार्षि समुद्र Ocean अन्धि देखिए। चंद्रमा The moon इन्दु देखिए। विषधि समुद्र Ocean . ४ अन्धि देखिए। विषनिधि लोक w now विधु
SR No.090174
Book TitleGanitsara Sangrah
Original Sutra AuthorMahaviracharya
AuthorA N Upadhye, Hiralal Jain, L C Jain
PublisherJain Sanskriti Samrakshak Sangh
Publication Year1963
Total Pages426
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, Mathematics, & Maths
File Size35 MB
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