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________________ गणितसारसंग्रह शब्द सामान्य अर्थ संख्या अभिधान उद्गम १ चन्द्र चन्द्रमस् जलधर पथ जलधि चन्द्रमा The moon चन्द्रमा The moon आकाश Sky महासागर Ocean १ | इन्दु देखिए। इन्दु देखिए। अनन्त देखिए। ४ अब्धि देखिए। जलनिधि महासागर Ocean | अब्धि देखिए। जिन वह नाम जिसमें अरिहंत | २४ | जिन आगम के अनुसार भरत कर्मक्षेत्र में अवसर्पिणी काल सिद्ध, आचार्य, उपाध्याय में २४ तीर्थंकर होते हैं; प्रथम तीर्थंकर ऋषभदेव और और सर्व साधुओं का अंतिम तीर्थकर वर्द्धमान महावीर माने जाते हैं। नाम गर्भित रहता है। The name which implies Arhat, | Siddhas, Achryas, Upadhyayas & all Saints. ज्वलन तत्व तत्व तनु | आग Fire अग्नि देखिए। जैन धर्म में सात तत्वों की मान्यता इस प्रकार है: जीव Elementary Pri- (चेतन), अजीव ( अचेतन), आस्रव (कर्मों के आने nciples. के द्वार), बंध ( कर्मों का आत्मा के साथ सम्बन्ध ), संवर (आस्रव का निरोध), निर्जरा ( कर्मों का एक देश नाश) और मोक्ष (आत्मा का पूर्ण रूप से कर्मों से छूटना)। काय Body शिव का तनु आठ वस्तुओं से बना हुआ माना जाता है : | पृथ्वी, अप , तेजस् , वायु, आकाश, सूर्य, चन्द्र, यजमान । Evidence तर्क के छः प्रकार हैं : प्रत्यक्ष, अनुमान, उपमान, शब्द, अंपत्ति और अनुपलब्धि । विष्णु Visnu उपेन्द्र देखिए। Tirthankar or २४ | जिन देखिए। Jina. हाथी An elephant | ८| इभ देखिए । सांसारिक कर्म ८. कर्मन् देखिए। Worldly action! ताय॑ध्वज तीर्थक दन्तिन् दुरित
SR No.090174
Book TitleGanitsara Sangrah
Original Sutra AuthorMahaviracharya
AuthorA N Upadhye, Hiralal Jain, L C Jain
PublisherJain Sanskriti Samrakshak Sangh
Publication Year1963
Total Pages426
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, Mathematics, & Maths
File Size35 MB
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