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-७. २१३३ ] क्षेत्रगणितव्यवहार
[२४५ दिनगतिकृतिसंयोगं दिनगतिकृत्यन्तरेण हृत्वाथ । हत्वोदग्गतिदिवसैस्तल्लब्धदिने समागमः स्यान्त्रोः ॥ २१०३ ।।
अत्रोद्देशकः द्वे योजने प्रयाति हि पूर्वगतिस्त्रीणि योजनान्यपरः । उत्तरतो गच्छति यो गत्वासौ तद्दिनानि पञ्चाथ ।। २११३ ।। गच्छन् कर्णाकृत्या कतिभिर्दिवसैनरं समाप्नोति । उभयोयुगपद्गमनं प्रस्थानदिनानि सदृशानि ॥ २१२३ ॥
पञ्चविधचतुरश्रक्षेत्राणां च त्रिविधत्रिकोणक्षेत्राणां चेत्यष्टविधबाह्यवृत्तव्याससंख्यानयनसूत्रम्श्रुतिरवलम्बकभक्ता पार्श्वभुजन्ना चतुर्भुजे त्रिभुजे । भुजघातो लम्बहृतो भवेद्वहिवृत्तविष्कम्भः ॥ २१३३ ॥
___ दो मनुष्यों की दैनिक गतियों के संख्यात्मक मानों के वर्गों के योग को उन्हीं दैनिक गतियों के मानों के वर्गों के अंतर द्वारा भाजित किया जाता है। इस प्रकार प्राप्त भजनफल को उनमें से किसी एक के द्वारा उत्तर में यात्रा करते हुए (अन्य मनुष्य से मिलने हेतु दक्षिण पूर्व में जाने के पहिले) व्यतीत हुए दिनों की संख्या द्वारा गुणित करते हैं, इन दो मनुष्यों का समागम इस गुणनफल द्वारा मापे गये दिनों की संख्या के अंत में होता है ॥ २१०३ ॥
उदाहरणार्थ प्रश्न पूर्व की ओर यात्रा करनेवाला मनुष्य २ योजन प्रतिदिन की गति से चलता है, और उत्तर की ओर यात्रा करने वाला दूसरा मनुष्य ३ योजन प्रतिदिन की गति से चलता है। यह दूसरा मनुष्य ५ दिनों तक ( इस प्रकार ) चलने के पश्चात् कर्ण पर चलने के लिये मुड़ता है। वह पहिले मनुष्य से कितने दिन पश्चात् मिलेगा ? दोनों एक ही समय प्रस्थान करते हैं, और यात्रा में दोनों को समान समय लगता है ॥ २१-२११३॥
पाँच प्रकार के चतुर्भुज क्षेत्रों तथा तीन प्रकार के त्रिभुज क्षेत्रोंवाली आठ प्रकार की आकृतियों के परिगत वृत्तों के व्यासों के संख्यात्मक मान को निकालने के लिये नियम
चतुर्भुज क्षेत्र के संबंध में, कर्ण के मान को लंब के मान द्वारा भाजित कर, और तब बाजू की भुजा के मान द्वारा गुणित करने पर, परिगत वृत्त के व्यास का मान उत्पन्न होता है। त्रिभुज क्षेत्र के संबंध में आधार को छोड़कर, शेष दो भुजाओं के मानों के गुणनफल को लंब के मान द्वारा भाजित करने पर, परिगत वृत्त का इष्ट व्यास उत्पन्न होता है ॥ २१३३ ॥
(२१३३ ) मानलो कि त्रिभुज अबस किसी वृत्त में अंतलिखित है । अद व्यास है और बइ, अस पर लंब है। बद को जोड़ो। अब त्रिभुज अ ब द और ब इ स के कोण क्रमशः आपस में बराबर हैं (अर्थात् ये त्रिभुज सजातीय [ similar ] हैं)
:: अब : अद=बइ : बस, : अद = अब X बस । - यह सूत्र नियम में चतुर्भुज त्रिभुज के परिगत वृत्त के व्यास को प्राप्त करने के लिये दिया गया है।