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________________ -७. १७४३] क्षेत्रगणितव्यवहारः [२३३ लम्बकृताविष्टेनासमसंक्रमणीकृते भुजा ज्येष्ठा । हस्वयुतिवियुति मुखभूयुतिदलितं तलमुखे द्विसमचतुरश्रे ।। १७३३ ।। ___ अत्रोद्देशकः भूरिन्द्रा दोविश्वे वक्रं गतयोऽवलम्बको रवयः । इष्टं दिक् सूक्ष्मं तत्फलवद्विसमचतुरश्रमन्यत् किम् ।। १७४३ ॥ यदि दिये गये दो बराबर भुजाओं वाले चतुर्भुज क्षेत्र के लंब का वर्ग दत्त विकल्पित संख्या के साथ विषम संक्रमण क्रिया करने के उपयोग में लाया जाता है, तो प्राप्त दो फलों में से बड़ा मान दो बराबर भुजाओंवाले इष्ट चतुर्भुज क्षेत्र की बराबर भुजाओं में से किसी एक का मान होता है। दो बराबर भुजाओं वाले दिये गये चतुर्भुज की ऊपरी भुजा और आधार के मानों के योग की अर्द्धराशि को, क्रमशः, उपर्युक्त विषम संक्रमण में प्राप्त दो फलों में से छोटे फल द्वारा बढ़ाकर और हासित करने पर दो बराबर भुजाओं वाले इष्ट चतुर्भुज क्षेत्र के आधार और ऊपरी भुजा के माप उत्पन्न होते हैं ।। १७३३ ॥ उदाहरणार्थ प्रश्न दिये गये चतुर्भुज क्षेत्र का आधार १४ है, दो बराबर भुजाओं में से प्रत्येक का माप १३ है, ऊपरी भुजा ४ है, लम्ब १२ है, और दत्त विकल्पित संख्या १० है। दो बराबर भुजाओं वाला ऐसा कौन सा चतुर्भुज है, जिसके सूक्ष्म क्षेत्रफल का माप दिये गये चतुर्भुज के क्षेत्रफल के बराबर है ? ॥ १७४३॥ (१७३३) इस नियम में ऐसे प्रश्न पर विचार किया गया है, जिसमें ऐसे दो बराबर भुजाओं वाले चतुर्भुज क्षेत्र की रचना करना है, जिसका क्षेत्रफल किसी दूसरे दो बराबर भुजाओं वाले चतुर्भुज के तुल्य हो, और जिसकी ऊपरी भुजा से आधार तक की लम्ब दूरी भी उसी के समान हो। मान लो दिये गये चतुर्भुज की बराबर भुजाएँ अ और स हैं, और ऊपरी भुजा तथा आधार क्रमशः च और द हैं। यह भी मान लो कि लंब दूरी प है । यदि इष्ट चतुर्भुज की संवादी भुजाएँ अ, ब, स,, द, हों, तो क्षेत्रफल और लम्ब दूरी, दोनों चतुर्भुजों के संबंध में बराबर होने से हमें यह प्राप्त होता है द + ब, = द+ब .........(१); और अ, - (६.२.११) = ५२.......( २ ); अर्थात् (अ + १) (अ, -८.३३५) = १२ । मानलो अ, - ८५ ८१ = ना; तब अ, + ८५ ८३५ मा, और (अ, ४ ६५ ८५८) + (अ, - द. २१) मा+ना ! ... ना + ना = अ,, ...........(३) ग. सा. सं०-३०
SR No.090174
Book TitleGanitsara Sangrah
Original Sutra AuthorMahaviracharya
AuthorA N Upadhye, Hiralal Jain, L C Jain
PublisherJain Sanskriti Samrakshak Sangh
Publication Year1963
Total Pages426
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, Mathematics, & Maths
File Size35 MB
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