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________________ २०८] गणितसारसंग्रहः त्रिसमचतुरश्रक्षेत्रस्य मुखभूभुजावलम्बककर्णाबाधाधनानयनसूत्रम्भुजपदहतबीजान्तरहृतजन्यधनाप्तभागहाराभ्याम् । तद्भुजकोटिभ्यां च द्विसम इव त्रिसमचतुरश्रे॥ १०१३ ॥ अत्रोद्देशकः चतुरश्रक्षेत्रस्य त्रिसमस्यास्य द्विकत्रिकस्वबोजस्य । मुखभूभुजावलम्बककर्णाबाधाधनानि वद ।। १०२३ ॥ -- दिये गये बीजों की सहायता से तीन बराबर भुजाओं वाले चतुर्भुज क्षेत्र के संबंध में ऊपरी भुजा, आधार, कोई भी एक बराबर भुजा, ऊपर से आधार पर गिराया गया लम्ब, कर्ण, आधार का छोटा खंड और क्षेत्रफल के मापों को निकालने के लिये नियम दिये गये बीजों का अंतर, उन बीजों की सहायता से तत्काल प्राप्त चतुर्भुज क्षेत्र के आधार के वर्गमूल द्वारा गुणित किया जाता है। इस तत्काल प्राप्त प्राथमिक चतुर्भुज के क्षेत्रफल को इस प्रकार प्राप्त गुणनफल द्वारा भाजित किया जाता है। तब क्रिया में बीजों की तरह उपयोग में लाये गये परिणामी भजनफल और भाजक की सहायता से प्राप्त दूसरा चतुर्भुज क्षेत्र रचा जाता है। तीसरा चतुर्भुज, तत्काल प्राप्त चतुर्भुज के आधार और लम्ब भुजा को बीज मानकर, बनाया जाता है। तब इन दो अंत में प्राप्त चतुर्भुजों की सहायता से तीन बराबर भुजाओं वाले चतुर्भुज क्षेत्र की उपर्युक्त भुजाओं आदि के मापों को दो बराबर भुजाओं वाले चतुर्भुज में प्रयुक्त विधि अनुसार प्राप्त किया जाता है ॥१०१३॥ उदाहरणार्थ प्रश्न तीन बरावर भुजाओं वाले, तथा २ और ३ बीज हैं जिसके ऐसे, चतुर्भुज क्षेत्र के संबंध में ऊपरी भुजा, आधार, तीन बराबर भुजाओं में से एक, ऊपरी भुजा से आधार पर गिराया गया लम्ब, कर्ण, अधार का छोटा खंड और क्षेत्रफलों के मापों को बतलाओ ॥१०२३॥ आधार का छोटा खंड अर्थात् अ -प्रथम आयत की लंब भुजा =अब लम्ब ह इ-दूसरे अथवा प्रथम आयत का आधार-बस- फग बाज की प्रत्येक बराबर भजा अ' अथवा फस'-प्रथम आयत का कर्ण. अर्थात , अस (१०१३) यदि दिये गये बीज अऔर ब द्वारा निरूपित हों, तो तत्काल प्राप्त चतुर्भुज की भुजाओं के माप ये होंगे : लाब भुजा = अ-बर, आधार =२ अब, कर्ण - अ + ब२, क्षेत्रफल =२ अ ब (अ२ - ब)। जैसा कि दो बराबर भुजाओं वाले क्षेत्रफल की रचना के संबंध में गाथा ९९ का नियम उपयोग कहा गया है, उसी तरह यह नियम, दो प्राप्त आयतों की सहायता से, तीन बराबर भुजाओं वाले इष्ट चतुर्भुज क्षेत्र की संरचना में सहायक होता है। इन आयतों में प्रथम संबंधी बीज ये हैं२अब४(अ-ब) अर्थात 12, अर्थात् /२अ बx(अ+ब) और / अब x (अ-ब) गाथा ९०३ का नियम यहाँ प्रयुक्त करने पर हमें प्रथम आयत के लिये निम्नलिखित मान प्राप्त होते हैं लम्ब भुजा = (अ+ब)२x२अ ब-(अ-ब)२४२अब अथवा ८अबर
SR No.090174
Book TitleGanitsara Sangrah
Original Sutra AuthorMahaviracharya
AuthorA N Upadhye, Hiralal Jain, L C Jain
PublisherJain Sanskriti Samrakshak Sangh
Publication Year1963
Total Pages426
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, Mathematics, & Maths
File Size35 MB
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