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गणितसारसंग्रहः
[७.६३
द्वादशविष्कम्भस्य क्षेत्रस्य हि चार्धवृत्तस्य । षत्रिंशद्वथासस्य कः परिधिः किं फलं भवति ।। ६२ ।।
आयतवृत्तक्षेत्रस्य सूक्ष्मफलानयनसूत्रम्व्यासकृतिःषडगुणिता द्विसंगुणायामकृतियुता ( पदं ) परिधिः । व्यासचतुर्भागगुणश्चायतवृत्तस्य सूक्ष्मफलम् ।। ६३ ॥
अत्रोद्देशकः आयतवृत्तायामः षट्त्रिंशद्वादशास्य विष्कम्भः । कः परिधिः किं गणितं सूक्ष्म विगणय्य मे कथय । ६४ ॥
शङ्खाकारक्षेत्रस्य सूक्ष्मफलानयनसूत्रम्वदना|नो व्यासो दशपदगुणितो भवेत्परिक्षेपः । मुखदलरहितव्यासार्धवर्गमुख चरणकृतियोगः ।। ६५ ।। दशपदगुणितः क्षेत्रे कम्बुनिभे सूक्ष्मफलमेतत् ।। ६५३ ।। का म्यास १२ है। दूसरे क्षेत्र का व्यास ३६ है। बतलाओ कि परिधि क्या है और क्षेत्रफल क्या है ? ॥ ६२॥
आयतवृत्त (इलिप्स ) सम्बन्धी सूक्ष्म मानों को निकालने के लिये नियम
छोटे व्यास का वर्ग ६ द्वारा गुणित किया जाता है, और बड़े व्यास की लम्बाई की दुगुनी राशि के वर्ग को उसमें जोड़ा जाता है। इस योग का वर्गमूल परिधि का माप होता है। जब इस परिधि के माप को छोटे व्यास की एक चौथाई राशि द्वारा गुणित करते हैं, तब ऊनेन्द्र का सूक्ष्म क्षेत्रफल प्राप्त होता है ॥ ६३ ॥
उदाहरणार्थ प्रश्न इलिप्स के सम्बन्ध में बड़े व्यास की लम्बाई ३६ और छोटे व्यास की १२ है, गणना के पश्चात् बतलाओ कि परिधि क्या है और सूक्ष्म क्षेत्रफल क्या है ? ॥६॥
शंख के आकार की आकृति के सम्बन्ध में सूक्ष्म मानों को निकालने के लिये नियम
आकृति की सबसे बड़ी चौड़ाई ( छोटे व्यास) को मुख की चौड़ाई की अर्द्धराशि द्वारा हासित कर, और तब १० के वर्गमूल द्वारा गुणित करने पर परिमाप (perimeter ) उत्पन्न होता है आकृति की महत्तम चौड़ाई की अराशि के वर्ग को मुख की आधी चौड़ाई द्वारा ह्वासित करने से प्राप्त राशि में मुख की चौड़ाई की एक चौथाई राशि के वर्ग को जोड़ते हैं। परिणामी योग को १० के वर्गमूल द्वारा गुणित करते हैं । प्राप्त राशि शंख आकृति का सूक्ष्म क्षेत्रफल होता है ॥ ६५३ ॥
(६३) यदि बड़ा व्यास 'अ' और छोटा व्यास 'ब' हो, तो इस नियमानुसार परिधि V६३२ + ४३२ होती है, और क्षेत्रफल : बXV६७२ + ४अर होता है। इस गाथा में (हस्तलिपि में) परिधि प्राप्त करने के लिये प्राप्त राशि के वर्गमूल निकालने का कथन भूल से छूट गया है। यहाँ दिया गया क्षेत्रफल का सूत्र केवल एक अनुमान है, और वह वृत्त के क्षेत्रफल की साम्यता पर आधारित है, जो xax द्वारा प्ररूपित होता है : जहाँ व व्यास है और ( 7व) परिधि है।
(६५३) बीजीय रूप से, परिधि = ( अ-१ म)x/१० ; तथा,