________________
-७. ५३]
क्षेत्रगणित व्यवहारः
सूक्ष्मगणितानयनसत्रमभुजयुत्यर्धचतुष्काद्भुजहीनाद्धातितात्पदं सूक्ष्मम् । अथवा मुखतलयुतिदलमवलम्बगुणं न विषमचतुरश्रे॥ ५० ॥
अत्रोद्देशकः त्रिभुजक्षेत्रस्याष्टौ दण्डा भूर्बाहुको समस्य त्वम् । सूक्ष्मं वद गणितं मे गणितविदवलम्बकाबाधे ।। ५१ ।। द्विसमत्रिभुजक्षेत्रे त्रयोदश स्युर्भुजद्वये दण्डाः । दश भूरस्याबाधे अथावलम्बं च सूक्ष्मफलम् ।। ५२ ॥ विषमत्रिभुजस्य भुजा त्रयोदश प्रतिभुजा तु पञ्चदश । भूमिश्चतुर्दशास्य हि किं गणितं चावलम्बकाबाधे ।। ५३ ।।
त्रिभुज और चतुर्भुज क्षेत्रों के क्षेत्रफलों के सूक्ष्म माप निकालने के लिये नियम
क्रमशः प्रत्येक भुजा द्वारा हासित भुजाओं के योग की अर्द्धराशि द्वारा निरूपित प्राप्त चार राशियाँ एक साथ गुणित की जाती हैं। इस प्रकार प्राप्त गुणनफल का वर्गमूल क्षेत्रफल का सूक्ष्म माप होता है। अथवा क्षेत्रफल का माप, ऊपरी सिरे से आधार पर गिराये गये लम्ब को आधार और ऊपरी भुजा के योग की अर्द्धराशि से गुणित करने पर प्राप्त होता है। पर यह बाद का नियम विषम चतुर्भुज के सम्बन्ध में नहीं है ॥ ५० ॥
उदाहरणार्थ प्रश्न समत्रिभुज की प्रत्येक भुजा ८ दंड है। हे गणितज्ञ, उसके क्षेत्रफल का सूक्ष्म माप तथा शीर्ष से आधार पर गिराये हुए लम्ब और इस तरह प्राप्त आधार के खंडों के सूक्ष्म मानों को बतलाओ ।। ५ ।। किसी समद्विबाहु त्रिभुज की बराबर भुजाओं में से प्रत्येक १३ दंड है और आधार का माप १० है । क्षेत्रफल, लम्ब और आधार की आबाधाओं के सूक्ष्म मापों को निकालो ॥ ५२॥ विषम त्रिभुज की एक भुजा १३, सम्मुख भुजा १५ और आधार १४ है। इस क्षेत्र का क्षेत्रफल, लम्ब और आधार की आबाधाओं के सूक्ष्म मान क्या हैं ? ॥ ५३ ॥
स६ = ( स-
)x;
स
और ल =V अ२ - स, २ अथवा / ब - स, २ होता है । यहाँ अ, ब, स त्रिभुज की भुजाओं का निरूपण करते हैं; स, स. ऐसे आधार के दो खंड हैं, जिनकी कुल लम्बाई स है, ल लम्ब है। (५०) बीजीय रूप से निरूपित करने पर,
सफल V य (य-अ) (य-ब) (य-स),जहा य भुजाओं के योग की आधी राशि है। अ, ब, स भुजाओं के माप हैं।
अथवा, क्षेत्रफल = sxल, जहाँ ल शीर्ष से आधार पर गिराये गये लम्ब का मान है। ग० सा. सं०-२५