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कलासवर्णव्यवहारः
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प्रभागभागभागजात्योः सूत्रम्अंशानां संगुणनं हाराणां च प्रभागजातौ स्यात् । गुणकारोंऽशकराशेर्हारहरो भागभागजातिविधौ ॥१९॥
प्रभागजातावुद्देशकः रूपाधं त्र्यंशाधं व्यंशार्धाधं दलार्धपश्चांशम् । पञ्चांशार्धत्र्यंशं तृतीयभागाधसप्तांशम् ॥१०॥ दलदलदलसप्तांशं व्यंशव्यंशकदलार्धदलभागम् । अर्धव्यंशव्यंशकपञ्चांश पञ्चमांशदलम् ॥१०१॥ क्रीतं पणस्य दत्त्वा कोकनदं कुन्दकेतकीकुमुदम् । जिनचरणं प्रार्चयितुं प्रक्षिप्यैतान् फलं ब्रूहि ॥१०२ रूपाधं व्यंशकार्धाधं पादसप्तनवांशकम् । द्वित्रिभागद्विसप्तांशं द्विसप्तांशनवांशकम् ॥१०॥ दत्त्वा पणद्वधं कश्चिदानैषीनूतनं घृतम् । जिनालयस्य दीपाथं शेषं किं कथय प्रिय ॥१०४॥ त्र्यंशाद्विपञ्चमांशस्तृतीयभागात् त्रयोदशषडंशः। पश्चाष्टादशभागात् त्रयोदशांशोऽष्टमानवमः ॥१०५॥ नवमाचतुत्रयोदशभागः पञ्चांशकात् त्रिपादार्धम् । संक्षिप्याचक्ष्वैतान् प्रभागजातौ श्रमोऽस्ति यदि ॥१०६॥
प्रभाग और भागभाग जाति ( संयुत और जटिल भिन्न )
संयुत (compound) और जटिल (complex) भिनों को सरल करने के लिये नियम
संयुत भिन्नों को सरक करने में, अंशों का उनमें ही गुणन तथा हरों का उनमें ही गुणन होगा। संकर ( complex) भिवों सम्बन्धी सरलीकरण क्रिया में भिन्न के हर का हर, दिये गये भिन्न के अंश का गुणक हो जाता है ॥९९।।
प्रभाग जाति (संयुत भिन्नों) पर उदाहरणार्थ प्रश्न जिन प्रभु के चरणों में पूजन के अर्पण के निमित्त निम्नलिखित पण मूल्य पर कोकनद ( कमल ) कुन्द (jasamins), केतकी और कुमुद (lily) खरीदे गये : १ का ३, ३ का ३, ६ का ३ का ३३ काकाका काका काका काका काका का का३३ का
काका और का, एक पण के इन दिये हए भागों को जोड़कर फल निकालो ॥१०० से १०२।। एक मनुष्य किसी विक्रेता को पण के क्रमशः १ का... काका का है, का और
का ३ भाग दो पण में से देकर जिन मंदिर में दीपक जलाने के लिये नूतन घी खरीद कर लाया। हे मित्र ! बतलाओ कि शेष कितने पण रकम उसके पास बची? ॥१०३-१०४॥
यदि तुमने संयुत भिन्नों के सम्बन्ध में परिश्रम किया है तो बतलाओ कि निम्नलिखित भिन्नों का योग करने पर परिणामी योगफल क्या होगा? का३,का३, काका
का और काका ३ ॥१०५-१०६॥
(९९) यहां सेकर भिन्न में अंश पूर्णाक है और हर भिन्नीय है।