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________________ परिशिष्ट : ३ क्रम १. २. ४. ५. ६. ७. ८. ε. १०. ११. १२. १३. १४. क्रम १. २. ३. ४. ५. क्रम १. २. ३. ४. ५. ६. द्वीप नाम गंगाडीप सिंधुद्वीप राष्ट्रीय रक्तवतीद्वीप रोहिताद्वीप रोहितंसीप स्वर्णकुलाद्वीप रूप्यकुलाद्वीप हरिसलिलाद्वीप हरिकान्तद्वीप नरकान्तद्वीप नारीकान्तद्वीप सीताड़ीप शीतोदाद्वीप द्वीप-समुद्र जम्बूद्वीप लवणसमुद्र धातकीखण्डद्वीप कालोदधिसमुद्र पुष्करार्धद्वीप वायव्यकोण उत्तरदिशा ईशानकोण आयाम पूर्वदिशा अग्निकोण दक्षिणदिशा आठ योजन " "1 सोलह योजन 31 "" चौदह महानवियों के द्वीपों का प्रमाण चौदह महानदियों के द्वीपों का प्रमाण " ३२ योजन " 21 " ६४ योजन विष्कम्भ आठ योजन "1 " " सोलह योजन एक लाख योजन चार लाख योजन "1 23 ܙ ܕ ३२ योजन " 37 ६४ योजन २५ योजन से परिधि मनुष्य क्षेत्र के द्वीप समुद्रों का प्रमाण योजन कुछ "" 13 सामानिक देवों के 11 "1 एक सौ एक योजन 11 13 पचास योजन से कुछ अधिक पानी से दो कोश अधिक "1 अधिक 21 "1 दो सौ दो योजन " गणितानुयोग او ऊंचाई पानी से दो कोस ऊँचा दोनों ओर का संयुक्त प्रमाण चार महत्तर देवियों के आभ्यन्तरपरिषद के देवों के मध्य परिषद् देवों के पानी से दो कोश ऊँचा 31 " "1 आठ लाख योजन सोलह लाख योजन सोलह लाख योजन पैंतालीस लाख योजन छह पद्मवलय तथा देव-देवियों के कमल प्रथम पद्मवलय में एक सौ आठ कमल हैं। इन पर श्रीदेवी के एक सौ आठ भवन हैं। इनमें श्रीदेवी के आभूषण रहते हैं । द्वितीय पद्मवलय दिशा - विदिशानाम देव-देवियां पद्म संख्या " मनुष्यक्षेत्र "समय क्षेत्र" "1 " ७६७ "" " 31 चार हजार कमल चार कमल आठ हजार कमल दस हजार कमल
SR No.090173
Book TitleGanitanuyoga
Original Sutra AuthorN/A
AuthorKanhaiyalal Maharaj, Dalsukh Malvania
PublisherAgam Anuyog Prakashan
Publication Year1986
Total Pages1024
LanguageHindi, Prakrit
ClassificationBook_Devnagari, Mathematics, Agam, Canon, Maths, & agam_related_other_literature
File Size34 MB
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