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लोक-प्रज्ञप्ति
तिर्यक् लोक : लोकान्त से ज्योतिष्कों का अन्तर
सूत्र ६४५
१६. एकोणवीसं सूरे, अद्धवीस चन्दे,
(१६) सूर्य उन्नीस हजार योजन ऊँचा है, चन्द्र साडे उन्नीस
हजार योजन ऊँचा है। २०. वीसं सूरे, अद्धएक्कवीसं चन्दे,
(२०) सूर्य वीस हजार योजन ऊँचा है, चन्द्र साडे बीस
हजार योजन ऊँचा है। २१. एक्कदीसं सूरे, अद्धबावीसं चन्दे,
(२१) सूर्य इक्कीस हजार योजन ऊँचा है, चन्द्र साडे इक्कीस
हजार योजन ऊँचा है। २२. बावीसं सूरे, अद्धतेवीसं चन्दे,
(२२) सूर्य बाईस हजार योजन ऊँचा हैं, चन्द्र साडे बाईस
हजार योजन ऊँचा है। २३. तेवीसं सूरे, अद्धचउवीसं चन्दे,
(२३) सूर्य तेईस हजार योजन ऊँचा है, चन्द्र साडे तेईस
हजार योजन ऊँचा है। २४. चउवीस सूरे, अद्धपणवीसं चन्दे,
(२४) सूर्य चोवीस हजार योजन ऊँचा है, चन्द्र साडे चोवीस
हजार योजन ऊँचा है। २५. एगे पुण एवमाहंसु
(२५) सूर्य पच्चीस हजार योजन ऊँचा है, चन्द्र साडे पच्चीस ता पणवीसजोयणसहस्साई सूरे उड्ढं उच्चत्तेणं अद्ध- हजार योजन ऊँचा है ।
छन्वीसं चन्दे, एगे एवमाहंसु, वयं पुण एवं वदामो
हम इस प्रकार कहते हैंता इमीसे रयणप्पभापुढवीए बहुसम-रमणिज्जाओ इस रत्नप्रभा पृथ्वी के अति सम-रमणीय भूभाग से सात सौ भूमिभागाओ, सत्तणउइ जोयणसए उड्ढं उपतित्ता नव्वे योजन ऊपर-नीचे का तारा विमान चलता है। हिडिल्ले ताराविमाणे चारं चरति, अट्ट जोयणसते उड्ढं उप्पतित्ता सूरविमाणे चारं चरति, आठ सौ अस्सी योजन ऊपर चन्द्र विमान चलता है। अट्ठअसीए जोयणसए उडुढं उप्पइत्ता चंदविमाणे चार आठ सौ योजन ऊपर सूर्य विमान चलता है। चरति । णवजो सताई उड्ढं उप्पतित्ता उरि ताराविमाणे नब सौ योजन ऊपर तारा विमान संचार करता है। चारं चरति', हेट्ठिलातो ताराविमाणातो दसजोयणाइ उड्ढं उप्पइत्ता नीचे के तारा विमान से दस योजन ऊपर सूर्य विमान सूरविमाणा चार चरंति ।
विचरता है। नति जोयणाई उड्ढे उप्पइत्ता चंदविमाणा चार नव्वे योजन ऊपर जाने पर चन्द्र विमान चलता है । चरति । दसोत्तरं जोयणसत उड्ढं उप्पइत्ता उबरिल्ले ताराहवे एक सौ दस योजन ऊपर तारा विचरता है। चारं चरति । सूरविमाणातो असीति जोयणाई उड़ढं उप्पइत्ता सूर्य विमान से अस्सी योजन ऊपर जाने पर चन्द्र विमान चंदविमाणे चारं चरति।
विचरता है। जोयणसतं उड्ढे उप्पइत्ता उबरिल्ले तारारूवे चारं सो योजन ऊपर तारा विचरण करता है। चरति ।
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(क) भग. श. १४, उ.८, सु.५। (ग) सम. ६, सु. ७ ।
(ख) ठाण अ.६, सु. ६७० । (घ) सम. ११२, सु.५।