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________________ तृतीय श्रेणी सहयोगी स्व० शा० कस्तूरचन्दजी प्रतापजी श्री वृद्धिचन्द जी मेघराज जी साकरिया (सांडेराव ) आप बांकलोबास के प्रतापजी कपूर जी के सुपुत्र थे ! स्व० तपस्वी स्वामी श्री वक्तावरमल जी म० के अनन्य भक्तों में से एक थे। आपके सुपुत्र शांतिलाल जी कांतिलाल जी, मदनलाल जी, विमलचन्द जी सुरेशकुमार जी, जगदीश जी भी धर्म में दृढ़ श्रद्धाभाव रखते हैं। सन् ८५ में गुरुदेव के चातुमसि में आपके घर में घर पांच मास खमण हुए। (सांडेराव) श्री स्थानकवासी जैन श्रावक संघ सांडेराव एवं वर्धमान महावीर केन्द्र आबू पर्वत के आप प्रमुख कार्यकर्ता हैं। श्री मूलचन्द जी, शेषमलजी, उमेदमलजी एवं आप चार भाइयों में सबसे बड़े हैं। पूज्य गुरुदेव के अनन्य भक्त हैं । श्रीमान धनराजजी नाहटा, (केकड़ी) (राज०) आप श्री दीपचन्द जी नाहटा के सुपुत्र हैं। चित्रकला, कविता, नाटक कला, व्यायाम आदि में आपकी विशेष रुचि है। साथ ही धाविक ज्ञान, तत्वचर्चा तथा वाद-विवाद में भी कुशल हैं। स्थानकवासी जैन संघ केकड़ी के मन्त्री हैं। पूज्य स्वामीदास जी म० की परम्परा के प्रति अत्यन्त निष्ठा रखते हुए गुरुदेव मुनि श्री कन्हैयालाल जी म० 'कमल' के अनन्य भक्त हैं। श्रमण संघ के प्रति आपकी गहरी निष्ठा है। आगम अनुयोग ट्रस्ट के सहयोगी हैं।
SR No.090173
Book TitleGanitanuyoga
Original Sutra AuthorN/A
AuthorKanhaiyalal Maharaj, Dalsukh Malvania
PublisherAgam Anuyog Prakashan
Publication Year1986
Total Pages1024
LanguageHindi, Prakrit
ClassificationBook_Devnagari, Mathematics, Agam, Canon, Maths, & agam_related_other_literature
File Size34 MB
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