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________________ प्रथम श्रेणी स्व. तेजराजजी घेवरचंदजी बंब, इवलकरंजी आप मूलतः भादवा मारवाड़ निवासी थे। आप आठ भाई थे; श्री मूलचन्द जी, श्री तेजराज जी, श्री मदनलाल जी, श्री माणकचन्द जी, श्री सोहनलाल जी, श्री मोतीलाल जी, हिराचन्द जी एवं श्री श्रीचन्द जी। श्री तेजराज जी सा० का तीन वर्ष पूर्व निधन हो गया। आप बहुत ही धर्मनिष्ठ उदार हृदयी श्रावक थे। आप पूज्य गुरुदेव श्री फतेहचन्द जी म० के सुशिष्य अनुयोगप्रवर्तक मुनि श्री कन्हैयालाल जी म० "कमल" के अनन्य भक्त थे। आपके सुपूत्र रूपचन्द जी भी धामिक भावना वाले उदार हृदय युवक हैं। आपका वर्तमान में व्यवसायिक क्षेत्र इचलकरंजी है। आप आगम अनुयाग ट्रस्ट के ट्रस्टी थे। स्व0 जगजीवन दास रतन सी बगड़िया दामनगर आप दामनगर के प्रतिष्ठित सूश्रावक थे। आगमों के बहुत बड़े अभ्यासी थे। अनेक शास्त्रों का प्रकाशन भी आपने करवाया था। बहुत ही नम्र स्वभाव के थे। साध्वीयों के प्रति आपकी असीम श्रद्धा थी। बोटाद संप्रदाय के श्री अमीचन्द जी म० की प्रेरणा से अ.पके सुपूत्र भोगी भाई के चतुर्थ व्रत के प्रत्याख्यान के उपलक्ष्य में आगम अनुयोग ट्रस्ट को बहुत बड़ा योगदान दिया है।
SR No.090173
Book TitleGanitanuyoga
Original Sutra AuthorN/A
AuthorKanhaiyalal Maharaj, Dalsukh Malvania
PublisherAgam Anuyog Prakashan
Publication Year1986
Total Pages1024
LanguageHindi, Prakrit
ClassificationBook_Devnagari, Mathematics, Agam, Canon, Maths, & agam_related_other_literature
File Size34 MB
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