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________________ भूमिका आदि कुछ प्रकीर्णकों के रचयिता के रूप में वीरभद्र का नामोल्लेख उपलब्ध होता है। और जैन परम्परा में वीरभद्र को महावीर के साक्षात शिष्य के रूप में उल्लिखित किया जाता है, किन्तु प्रकीर्णक ग्रन्थों की विषयवस्तु का अध्ययन करने से यह फलित होता है कि वे भगवान् महावीर के समकालीन नहीं हैं। एक अन्य वीरभद्र का उल्लेख वि० सं० १००४ का मिलता है । सम्भवतः गच्छाचार की रचना इन्हीं वीरभद्र के द्वारा हुई हो। प्रस्तुत प्रकीर्णक में प्रारम्भ से अन्त तक किसी भी गाथा में ग्रन्थकर्ता ने अपना नामोल्लेख नहीं किया है। ग्रन्थ में ग्रन्थका के नामोल्लेख के अभाव का वास्तविक कारण क्या रहा है ? इम सन्दर्भ में निश्चय पूर्वक भले ही कुछ नहीं कहा जा सकता हो, किन्तु एक तो ग्रन्थकार ने इस ग्रन्थ के प्रारम्भ में ही यह कहकर कि श्रुत समुद्र में से इस गच्छाचार को समुद्धत किया गया है, अपने को इस संकलित ग्रन्थ के कर्ता के रूप में उल्लिखित करना उचित नहीं माना हो, दूसरे ग्रन्थ की गाथा १३५ में भी अन्धकार ने यह स्पष्ट स्वीकार किया है कि महानिशीथ, कल्प और व्यवहार सूत्र से इस ग्रन्थ की रचना की गई है। हमारी दृष्टि से इस अज्ञात अन्धकर्ता के मन में यह भावना अवश्य रही होगी कि प्रस्तुत ग्रन्थ की विषयवस्तु तो मुनि, पूर्व आचार्यों अथवा उनके ग्रन्थों से प्राप्त हुई है, इस स्थिति में मैं इस ग्रन्थ का कर्ता कैसे हो सकता हूँ ? वस्तुतः प्राचीन स्तर के आगम ग्रन्थों के समान ही इस ग्रन्थ के कर्ता ने भी अपना नामोल्लेख नहीं किया है। इससे जहां एक ओर उसकी विनम्रता प्रकट होती है वहीं दूसरी ओर यह भी सिद्ध होता है कि यह एक प्राचीन स्तर का ग्रन्थ है । ग्रन्यकर्ता के रूप में हमने पूर्व में जिन वीरभद्र का उल्लेख किया है वह सम्भावना मात्र है इस सन्दर्भ में निश्चयपूर्वक कुछ कहना दुराग्रह होगा । गच्छाचार का रचनाकात नन्दीसूत्र और पाक्षिकसूत्र में आगमों का जो वर्गीकरण किया गया है उसमें गच्छाचार प्रकीर्णक का कोई उल्लेख नहीं है । तत्त्वार्थभाष्य 9. The Canonical Literature of the Jainas, pp. 5!-52 २. Ibid.. P, 52.
SR No.090171
Book TitleAgam 30 Prakirnak 07 Gacchachar Sutra
Original Sutra AuthorN/A
AuthorPunyavijay, Sagarmal Jain
PublisherAgam Ahimsa Samta Evam Prakrit Samsthan
Publication Year
Total Pages68
LanguageSanskrit, Hindi
ClassificationBook_Devnagari, Agam, Canon, & Ethics
File Size1 MB
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