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अशुख साभृतं
संभृतं अरू उदस्य अरु सदस्य मुखादिन्द्रश्चाग्निश्च प्राणाद्वायुरजायत = प्रोत्रा
द्वायुश्च प्राणश्चमुखाद दमिरजायत । जगवस्था
जगदेवस्था
रमशश शुति
श्रुति चाचार्य
चार्य जैमुनि
जैमिनि सहस्रा
सहस्रो मनो
वायुः सब
सर्व सिचति
सिंचति यस्माद चः
यस्मात्र प .
दय अमिष्ट
अभीष्ट काल्पनिक
काल्पनिक जगद्वथा
जगदवस्था काय
कार्य
अन्नाद लान
लीन विराट जायत विराबजायत सृपयादी
सृष्टयादी अजायत
दजायत
वायु
न५५
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१ .
२६१
१५. ११
२६३ २६५७ २६५