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________________ ( ७२५ ) चलाने में कितना के जल प्रपात में अनुमानत: अस्सी लाख अश्व बलकी शक्ति है । प्रति घंटा बीस मील की चाल से चलने वाली सौ वर्ग फुटकी हवा में ४६० व बलकी शक्ति रही हुई है। पांच दस अश्ववल के तेल इंजिन खरीदने या खर्च होता है यह सब कोई जानते हैं । जब कि ऊपर बताई हुई ५६० अलवाली हवा और पानी में शक्ति कहाँ से आती है ? हवा कौन चलाता है ? पानीको पहाड़ों पर कौन चढ़ाता है ? उत्तर- सूर्य ! सूर्य ही प्रथिवीको गर्मी देता। गर्म पृथिवी पर हवा गर्म होती है। गर्मी से हवा पतली होकर ऊपर चढ़ती है और ऊपरकी नीचे आती है। इस प्रकार हलचल होने से हवा इधर उधर दौड़ती है और मुसाफिरी करती रहती हैं। सूर्य ही समुद्रके पानी को गर्म करके वाष्प रूप बनाता है। जब वाष्प ऊपर वायु-मण्डल में जाकर अमुक समयमें बरसता है, तब पहाड़ों पर पानी चढ़ता है और पहाड़से उतर कर बड़े प्रपात में गिरता है और नदी नालोंके रूपमें बहता हुआ समुद्र में रेत, मिट्टी, कंकड़ पत्थर ले जाकर उसमें पहाड़ों की रचना करता है। जहां ३० से ३५ इंच पानी पड़ता है वहां प्रतिवर्ग मील पर पांच कड़ोर मन से अधिक पानी सूर्य बरसाता है। जिस हवा के बिना प्राणी श्वासोच्छवास नहीं ले सकते और जिस जलका पान किये बिना कोई भी प्राणी जीवन धारण नहीं कर सकता उस हवा और पानीको उत्पन्न करने वाला सूर्य है। सूर्य ही में ये सब शक्तियां हैं न कि ईश्वर में । ० प० अ० ५ सारांश ) शक्ति खान के पत्थर से जैसे जो कोयले निकलते हैं दरअसल ये पत्थर या मिट्टी नहीं हैं किन्तु लकड़ी हैं। बहुत वर्ष पहले वृक्ष या वनस्पति मिट्टी के नीचे दब कर बहुत कालके दबाव से पत्थर जैसे ( सौ कोयलों में जलने को
SR No.090169
Book TitleIshwar Mimansa
Original Sutra AuthorN/A
AuthorNijanand Maharaj
PublisherBharatiya Digambar Sangh
Publication Year
Total Pages884
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, Philosophy, Religion, & Principle
File Size14 MB
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