________________
विषय श्रादिश्योंकी गणना
११६
१३१
प्रजापति यक्ष यह बैदिक धर्म कबका है सारांश विशेष विचार विकपाल श्री कोफिलेश्वर भट्टाचार्य और पैविक देवता श्री रामावतार शर्माजी के विचार (देवता प्रकरण ) सापक भेद से दैवत भेद देवताओं और मूलसनामें कोई भिन्नता नहीं
११८ देवताओं के समान कार्य
१२० से १३० सभी देवत्ता निधातु हैं सभी देवता विश्वरूप हैं सापक भेदसे देवता भेद का खण्डन ईश्वरकी शक्तियां सर्वव्यापी आहत ब्रह्मा का खरकन अधकी माया का खगलन जीवों में भ्रम चैतन्यांश का खण्डन शरीरादिकों का मायिकत्व खएशन
१५१ खोकप्रवृत्ति या प्राणियोंके निग्रहानुहाथ मृष्टि रचनाका खंडन १५३ महत्ता दिखाने के लिये सृष्टि रचना का खण्डम ब्रह्मा, विष्णु, महेश द्वारा मृष्टि के उत्पादन, रक्षण, ध्वंसका
खएन १५६ संसारकी अनादि निधनता
१६२
-
१५०
..--.----..-.-.