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________________ और उससे उत्साह बढ़ेगा। इसलिए ममतोंके काव्योंका गाम करना, बीरताको बढ़ाने वाला है। २-ये वीर भालें, बर्छयाँ. कुल्हाड़े तथा अपनी अन्य पोशाक सब-समान ही धारण करते हैं और जब बाहर जाते हैं. तब सब सजे-सजाये प्रगट होने हैं। ये कभी अकेले नहीं रहते। इनका सब ही रहना सहना साधिक होता है 1 ३-थे हाथों में चाबुक लेकर अपने घोड़ोंका दौड़ाते हुए आते है उस समय इनके कोडीका शब्द दूरसे भी सुनाई देता है । युद्धके समय तो इनकी वीरता विशेष ही प्रकट होती है। -मीरोंका सघ बल बढ़ाने के लिए शत्रु पर हमला करनेके के लिए और प्रतापकी सामर्थ्य वृद्धिंगत करनेके लिए इन वीरोंक कायीका गान करते जाओ। बोरोंके काव्य गाने सुनने वालोमें वीरता बढ़ जाती है । यह है बी के काव्योंका महत्व। ५--गौ के दूध आदि, गोरसमें एक बड़ी भारी सामय है। संघके रहनेसे और एक बल बढ़ता है पहिला बल गोरस पीनेसे बढ़ता है । और दूसरा. साधिक जीवनसे बल बदता है. इन सब प्रकारके बलकी वृद्धियाँ करनी चाहिये । कोई ऐसा कार्य नहीं करना चाहिये जिससे शक्तिका नाश होजाय । ६-ये वीर, भूमि और प्रकाशको हिला छोड़ते हैं ये सब समान हानेके कारण आपसमें किसीको छोटा या बड़ा नहीं मानते, इनमें एक भी वीर ऐसा नहीं है, जो शत्रुको न हिलाना होगा। ७.-इनका हमला शत्रु पर होने लगा तो साधारण मानव किसीके आश्रममें जाकर रहते हैं। क्योंकि य वीर पहाड़ोंको भी उखाड़ देते हैं। अर्थात् इनके हमलोंसे सभी भयभीत होजाते हैं 1 ।
SR No.090169
Book TitleIshwar Mimansa
Original Sutra AuthorN/A
AuthorNijanand Maharaj
PublisherBharatiya Digambar Sangh
Publication Year
Total Pages884
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, Philosophy, Religion, & Principle
File Size14 MB
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