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विषय
इन्द्रिय ही कुत्ते हैं इन्द्रिय ही घोड़े हैं
मुख्य गौण प्राण और पंच शब्द
प्राणोंमें स्त्रीत्वारोप
प्राणोंकी संख्या प्रायस्तुति प्रायण कहांसे आता है ? प्राणका प्रेरक
प्राण और अन्य शक्तियां
पतंय
वसु, रुद्र, भविस्य सीन लोक
पंचमुखी महादेव
प्रापका मीठा चाबुक
देवताओंकी अनुकूलता
प्रजापतिका फंसना
नासदीय वा सृष्टिसूक्त सृष्टिसूक और तिलक
(2)
दूसरा सृष्टि सूक्त वेद और जगत मीमांसा और ईश्वर
ईश्वर उत्पन्न हुआ
सारांश
लोकमान्य तिलक और जगत श्री शंकराचार्थ और जगम
३५३
३५३
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३५४
३५४
३५५
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३५८
३६०
३६१
२६२
२६३
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३६५
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१७१
३७४
३८६
१६६
ଏକ୍
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