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________________ आरम्भिक अध्यात्म-प्रेमी पाठकों के लिए 'द्यानत भजन सौरभ' का प्रकाशन कर हम हर्षित हैं। दिगम्बर जैन अतिशय क्षेत्र श्रीमहावीरजी द्वारा संचालित 'जैनविद्या संस्थान' । जैनधर्म-दर्शन एवं संस्कृति की बहुआयामी दृष्टि को सामान्यजन एवं विद्वानों के समक्ष प्रस्तुत करने हेतु प्रयत्नशील है । संस्थान द्वारा इसी क्रम में सामान्यजन के लाभार्थ जैनधर्म एवं दर्शन से सम्बन्धित सरल एवं सहज पुस्तकों का सरोदय पुस्तकमाला' के अन्तर्गत प्रकाशन किया जा रहा है। 'द्यानत भजन सौरभ' 'सर्वोदय पुस्तकमाला' के इक्कीसवें पुष्प के रूप में प्रकाशित है। इससे पूर्व संस्थान से सर्वोदय पुस्तकमाला के अन्तर्गत भजनों पर आधारित तीन और पुस्तकें-'जैन भजन सौरभ' (पुष्प ११), 'भूधर भजन सौरभ' (पुष्प १८) तथा 'दौलत भजन सौरभ' (पुष्प १९) प्रकाशित हैं, उसी क्रम में अब यह 'द्यानत भजन सौरम' (पुष्प २१) प्रकाशित है। प्रस्तुत भजन सौरभ हिन्दी के जैन कवि श्री यानतराय (सन् १६७६-१७२८) के आध्यात्मिक पदों-भजनों-स्तुतियों को सुगन्ध से सुवासित है । पुस्तक में पदों-भजनों का हिन्दी अनुवाद भी प्रस्तुत किया गया है जिससे जिज्ञासुजन उनके मर्म को सहजतया समझ सकें।। ___ भजनों के हिन्दी अनुवाद के लिए हम प्रबन्धकारिणी कमेटी के सदस्य श्री ताराचन्द्र जैन, एडवोकेट, जयपुर के आभारी हैं। __ प्रबन्धकारिणी कमेटी की भावना के अनुरूप जैनविद्या संस्थान समिति के संयोजक डॉ. कमलचन्द सोगाणी द्वारा सत्साहित्य उपलब्ध कराने के लिए किये जा रहे प्रयास श्लाघनीय हैं। पुस्तक प्रकाशन के लिए जैनविद्या संस्थान के कार्यकर्ता एवं जयपुर प्रिन्टर्स प्रा. लि., जयपुर धन्यवादाह हैं। नरेन्द्र पाटनी मंत्री नरेशकुमार सेठी अध्यक्ष प्रबन्धकारिणी कमेटी दिगम्बर जैन अतिशय क्षेत्र श्रीमहावीरजी [1)
SR No.090167
Book TitleDyanat Bhajan Saurabh
Original Sutra AuthorN/A
AuthorTarachandra Jain
PublisherJain Vidyasansthan Rajkot
Publication Year
Total Pages430
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, Devotion, & Poem
File Size5 MB
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