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________________ सूत्रांक विषय पृष्ठांक २२. २३. १८. निक्षेप-विवक्षा से सत्य के चार प्रकार, १९. हास्योत्पत्ति के चार कारण, २०. व्याधि के चार प्रकार, २१. चिकित्सा के चार अंग, चिकित्सक के चार प्रकार, . विकथा के भेद-प्रभेदों का प्ररूपण, २४. दण्ड के पाँच प्रकार, २५. निधि के पाँच प्रकार, इन्द्रिय विषयों में अनुरक्ति के पाँच हेतु, २७. प्रतिघातों के पाँच प्रकार, २८. आजीवकों के पाँच प्रकार, सुप्त से जागृत होने के पाँच हेतु, ३०. शौच के पाँच प्रकार, उत्कल के पाँच प्रकार, ३२. छेदन के पाँच प्रकार. ३३. आनन्तर्य के पाँच प्रकार, तुल्य के छह भेद और उनके स्वरूप का प्ररूपण, ३५. छहों दिशाओं में जीवों की गति-आगति आदि प्रवृत्तियों का प्ररूपण, विष परिणाम के छह प्रकार, ३७. वचन प्रयोग के सात प्रकार, ३८. विकथा के सात प्रकार, सात भय स्थान, ४०. आयुर्वेद के आठ अंग, ४१. पुण्य के नौ प्रकार, सद्भाव पदार्थों के नव भेदों के नाम, रोगोत्पत्ति के नौ कारण, शरीर के मल द्वारों के नौ नाम, विवक्षा से अनन्तक के दस प्रकार, ४६. दान के दस निमित्त कारणों का प्ररूपण, दुःषम और सुषम काल का लक्षण, दस प्रकार के बलों का प्ररूपण, दस प्रकार के शस्त्रों का प्ररूपण, आशंसा प्रयोग के दस भेद, अस्थिर-स्थिर-बालभाव आदि का परिवर्तन-अपरिवर्तन और शाश्वतादि का प्ररूपण, शैलेशी प्रतिपन्नक अणगार के पर प्रयोग के बिना एजनादि के निषेध का प्ररूपण, ५३. एजना के भेद और चार गतियों में प्ररूपण, चलना के भेद-प्रभेद और उनके स्वरूप का प्ररूपण, जीवों के भय हेतु का प्ररूपण, ५६. युद्ध करते हुए पुरुषों के जय-पराजय हेतु का प्ररूपण, ५७. अंगभूत और अंतःस्थित वस्तु समूह के द्वारा राजगृह नगर का प्ररूपण, ५८. क्षीणभोगी छद्मस्थादि मनुष्यों में भोगित्व का प्ररूपण, आदर्श आदि को देखने सम्बन्धी विज्ञान, ६). दौड़ते हुए घोड़े के 'खु खु' शब्द करने के हेतु का प्ररूपण, ६१. द्रव्यानुयोग का उपसंहार, १९०० १९00 १९०० १९०० १९००-१९०१ १९०१ १९०१ १९०१-१९०२ १९०२ १९०२ १९०२ १९०२ १९०२ १९०२-१९०३ १९०३ १९०३ १९०३-१९०५ १९०६ १९०६ १९०६-१९०७ १९०७ १९०७ १९०७ १९०७-१९०८ १९०८ १९०८ १९०८ १९०८ १९०८-१९०९ १९०९ १९०९ १९०९ १९१० १९१० १९१० १९१०-१९११ १९११-१९१२ १९१२-१९१३ १९१३ १९१३-१९१४ १९१४-१९१५ १९१५ १९१५ १९१५ Ku060 TTET कतारमान 1410 (६३)
SR No.090160
Book TitleDravyanuyoga Part 3
Original Sutra AuthorN/A
AuthorKanhaiyalal Maharaj & Others
PublisherAgam Anuyog Prakashan
Publication Year1995
Total Pages670
LanguageHindi, Prakrit
ClassificationBook_Devnagari, Metaphysics, Agam, Canon, & agam_related_other_literature
File Size26 MB
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