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________________ समुद्घात अध्ययन उ. गोयमा ! १. सव्वत्थोवा पंचेंदिय-तिरिक्खजोणिया तेजस्समुग्धाएणं समोहया, २. वेउव्वियसमुग्घाएणं समोहया असंखेज्जगुणा, ३. मारणांतियसमुग्घाएणं समोहया असंखेज्जगुणा, ४. वेयणासमुग्धाएणं समोहया असंखेज्जगुणा, ५. कसायसमुग्धाएणं समोहया संखेज्जगुणा, ६. असमोहया संखेज्जगुणा। प. दं.२१. मणुस्साणं भंते ! १. वेयणासमुग्घाएणं, २. कसायसमुग्घाएणं, ३. मारणांतियसमुग्घाएणं, ४. वेउव्वियसमुग्घाएणं, ५. तेजस्समुग्धाएणं, ६. आहारगसमुग्घाएणं, ७. केवलिसमुग्घाएणं समोहयाणं, ८. असमोहयाण य कयरे कयरेहिंतो अप्पा वा जाव विसेसाहिया वा? उ. गोयमा ! १. सव्वत्थोवा मणूसा आहारगसमुग्धाएणं समोहया, २. केवलिसमुग्घाएणं समोहया संखेज्जगुणा, १६९९ ) उ. गौतम ! १. सबसे अल्प तैजस्समुद्घात से समवहत पंचेन्द्रिय तिर्यञ्च हैं, २. (उनसे) वैक्रियसमुद्घात से समवहत पंचेन्द्रियतिर्यञ्च असंख्यातगुणे हैं, ३. (उनसे) मारणान्तिकसमुद्घात से समवहत पंचेन्द्रिय तिर्यञ्च असंख्यातगुणे हैं, ४. (उनसे) वेदनासमुद्घात से समवहत पंचेन्द्रियतिर्यञ्च असंख्यातगुणे हैं, ५. (उनसे) कषायसमुद्घात से समवहत पंचेन्द्रियतिर्यञ्च संख्यातगुणे हैं, ६. (उनसे) असमवहत पंचेन्द्रियतिर्यञ्च संख्यातगुणे हैं। प्र. दं.२१.भंते ! मनुष्यों के १. वेदनासमुद्घात से, २. कषायसमुद्घात से, ३. मारणान्तिकसमुद्घात से, ४. वैक्रियसमुद्घात से, ५. तैजस्समुद्घात से, ६. आहारकसमुद्घात से, ७. केवलीसमुद्घात से समवहत एवं ८. असमवहत मनुष्यों में कौन किससे अल्प यावत् विशेषाधिक हैं? उ. गौतम ! १. सबसे अल्प आहारकसमुद्घात से समवहत मनुष्य हैं, २. (उनसे) केवली समुद्घात से समवहत मनुष्य संख्यात गुणे हैं, ३. (उनसे) तैजस्समुद्घात से समवहत मनुष्य संख्यात गुणे हैं, ४. (उनसे) वैक्रियसमुद्घात से समवहत मनुष्य संख्यात गुणे हैं, ५. (उनसे) मारणान्तिकसमुद्घात से समवहत मनुष्य असंख्यातगुणे हैं, ६. (उनसे) वेदनासमुद्घात से समवहत मनुष्य असंख्यातगुणे हैं, ७. (उनसे) कषायसमुद्घात से समवहत मनुष्य संख्यातगुणे हैं, ८. (उनसे) असमवहत मनुष्य असंख्यातगुणे हैं। दं.२२-२४. वाणव्यन्तर, ज्योतिष्क और वैमानिकों का (समुद्घात संबंधी) अल्पबहुत्व असुरकुमारों के समान . जानना चाहिए। १६. छानस्थिक समुद्घातों का विस्तार से प्ररूपण प्र. भंते ! छाद्यस्थिक समुद्घात कितने कहे गए हैं ? उ. गौतम ! छाद्मस्थिक समुद्घात छह कहे गए हैं, यथा १. वेदनासमुद्घात, २. कषायसमुद्घात, ३. मारणान्तिकसमुद्घात, ४. वैक्रियसमुद्घात, ५. तैजस्समुद्घात, ६. आहारकसमुद्घात। ३. तेजस्समुग्घाएणं समोहया संखेज्जगुणा, ४. वेउव्वियसमुग्घाएणं समोहया संखेज्जगुणा, ५. मारणांतियसमुग्घाएणं समोहया असंखेज्जगुणा, ६. वेयणासमुग्घाएणं समोहया असंखेज्जगुणा, ७. कसायसमुग्घाएणं समोहया संखेज्जगुणा, ८. असमोहया असंखेज्जगुणा। दं. २२-२४. वाणमंतर-जोइसिय-वेमाणिया जहा असुरकुमारा। -पण्ण.प.३६, सु.२१२५-२१३२ १६. छाउमत्थियसमुग्घायाणं वित्थरओ परूवणं प. कइणं भंते ! छाउमत्थिया समुग्घाया पण्णत्ता? उ. गोयमा ! छाउमत्थिया छ समुग्घाया पण्णत्ता,तं जहा १. वेयणासमुग्घाए, २. कसायसमुग्धाए, ३. मारणांतियसमुग्घाए, ४. वेउव्वियसमुग्घाए, ५. तेजस्समुग्घाए ६. आहारगसमुग्घाए।' १. (क) विया.स.१३, उ.१०,सु.१ (ख) सम.सम.६,सु.५
SR No.090160
Book TitleDravyanuyoga Part 3
Original Sutra AuthorN/A
AuthorKanhaiyalal Maharaj & Others
PublisherAgam Anuyog Prakashan
Publication Year1995
Total Pages670
LanguageHindi, Prakrit
ClassificationBook_Devnagari, Metaphysics, Agam, Canon, & agam_related_other_literature
File Size26 MB
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