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________________ सूत्र विषय पृष्ठांक १९. जघन्यादि गुण-वर्ण-गन्ध-रस-स्पर्श वाले पुद्गलों के पर्यायों का परिमाण, ४४ ५. परिणाम अध्ययन १. परिणाम के भेद, २. जीव-परिणाम के भेद-प्रभेदों का प्ररूपण, ३. चौबीसदंडकों में जीव-परिणाम के भेदों का प्ररूपण, ४. अजीव परिणामों के भेद-प्रभेदों का प्ररूपण, ९०-९१ ९१-९४ ९४-९५ ६. जीव-अजीव अध्ययन १. समयादिकों का जीव-अजीव रूप प्ररूपण, ९७ २. ग्रामादिकों का जीव-अजीव रूप प्ररूपण, ९७-९८ ३. छायादिकों का जीव-अजीव रूप प्ररूपण, ९८ ४. जीव-अजीव द्रव्यों में जीवों के परिभोगअपरिभोगत्व का प्ररूपण, ९८-९९ ५. रोह अणगार के प्रश्नोत्तरों में जीव-अजीव आदि । के शाश्वतत्व और अनानुपूर्वत्व का प्ररूपण, ६. हृद्गत नौका के दृष्टांत द्वारा जीव और पुद्गलों के अन्योन्यबद्धत्वादि का प्ररूपण, ९९-१०० अपार ७. जीव अध्ययन सूत्र विषय पृष्ठांक वायुकायिकों के पर्यायों का परिमाण, ४३-४४ वनस्पतिकायिकों के पर्यायों का परिमाण, बेइन्द्रिय आदि के पर्यायों का परिमाण, ४४-४५ पंचेन्द्रिय तिर्यंचयोनिकों के पर्यायों का परिमाण, मनुष्यों के पर्यायों का परिमाण, वाणव्यन्तर-ज्योतिष्क और वैमानिक देवों के पर्यायों का परिमाण, ६. चौबीसदंडकों में जघन्य-उत्कृष्ट अवगाहना आदि की विवक्षा से पर्यायों के परिमाण का प्ररूपण, ४६ नैरयिकों के अवगाहनादि की अपेक्षा से पर्यायों का परिमाण, ४६-५० अवगाहनादि की अपेक्षा से असुरकुमारादि के पर्यायों का परिमाण, ५०-५१ अवगाहनादि की अपेक्षा से पृथ्वीकायिकादि के पर्यायों का परिमाण, ५१-५३ अवगाहनादि की अपेक्षा से द्वीन्द्रियादि के पर्यायों का परिमाण, ५३-५६ अवगाहनादि की अपेक्षा से पंचेन्द्रिय तिर्यंचों के पर्यायों का परिमाण, ५६-६० अवगाहनादि की अपेक्षा से मनुष्यों के पर्यायों का परिमाण, ६०-६५ अवगाहनादि की अपेक्षा से वाणव्यंतर-ज्योतिष्क और वैमानिक के पर्यायों का परिमाण, २. अजीव पर्याय ७. अजीव पर्यायों के भेद-प्रभेद और उनका परिमाण, ६५-६६ ८. परमाणु पुद्गलों के पर्यायों का परिमाण, ६६-६७ ९. स्कन्धों के पर्यायों का परिमाण, ६७-६९ १०. एकादि प्रदेशावगाढ़ पुद्गलों के पर्यायों का परिमाण, ६९-७० ११. एकादि समय की स्थिति वाले पुद्गलों के पर्यायों का परिमाण, ७०-७१ १२. एकादिगुणयुक्त वर्ण, गन्ध, रस और स्पर्श वाले पुद्गलों के पर्यायों का परिमाण, ७१-७२ १३. जघन्य अवगाहना आदि वाले द्विप्रदेशी आदि स्कन्धों के पर्यायों का परिमाण, ७२-७५ १४. जघन्यादि स्थिति वाले परमाणु आदि के पर्यायों का परिमाण, ७५-७८ १५. जघन्यादि गुण-वर्ण-गन्ध-रस-स्पर्श वाले परमाणु पुद्गलों के पर्यायों का परिमाण, ७८-८५ १६. जघन्यादि प्रदेश वाले स्कन्धों के पर्यायों का परिमाण, ८५-८६. १७. जघन्यादि अवगाहना वाले पुद्गलों के पर्यायों का परिमाण, ८६-८७ १८. जघन्यादि स्थिति वाले पुद्गलों के पर्यायों का परिमाण, ८७-८८ १. जीव सामान्य १. जीव द्वारा आत्मभाव से जीवभाव के उपदर्शन का प्ररूपण, १०५ २. जीवों के त्रिकालवर्तित्व का प्ररूपण, १०५ ३. जीवों की बोध संज्ञा के दो प्रकार, १०५-१०६ ४. दृष्टांतपूर्वक लोक के प्रदेश में जीव के जन्ममरण द्वारा स्पृष्टत्व का प्ररूपण, १०६-१०७ ५. संसार परिभ्रमण के नौ स्थान, १०७ ६. छह स्थानों में जीवों के असामर्थ्य का प्ररूपण, १०७ ७. जीव द्रव्यों के अनंतत्व का प्ररूपण, १०७-१०८ ८. क्षुद्र प्राणियों के छह प्रकार, १०८ ९. हाथी और कुंथु के सम जीव प्रदेशत्व का प्ररूपण, १०८-१०९ १०. जीवप्रदेशों में शस्त्र प्रयोगाभाव का प्ररूपण, १०९ ११. ओदन आदि जीवों के पूर्व पश्चात् भाव प्रज्ञापना से शरीर की प्ररूपणा, १०९ १२. लोह आदि के जीवों की शरीर प्ररूपणा, १०९-११० १३. अस्थि चर्म आदि के जीवों की शरीर प्ररूपणा, ११० १४. अंगार आदि के जीवों की शरीर प्ररूपणा, ११० १५. चन्द्र के दृष्टांत द्वारा जीवगुणों की वृद्धि हानि का प्ररूपण, ११०-१११ १६. वस्त्र और जीवों की सादि सपर्यवसितादि का प्ररूपण, १११-११२ (७५)
SR No.090158
Book TitleDravyanuyoga Part 1
Original Sutra AuthorN/A
AuthorKanhaiyalal Maharaj & Others
PublisherAgam Anuyog Prakashan
Publication Year1994
Total Pages910
LanguageHindi, Prakrit
ClassificationBook_Devnagari, Metaphysics, Agam, Canon, & agam_related_other_literature
File Size32 MB
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