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________________ ज्ञान अध्ययन ७२९ १. उवक्कमस्स णामाइ छ भेयाणं सरूवोप. से किं तं उवक्कमे? उ. उवक्कमे-छब्बिहे पण्णत्ते,तं जहा १.नामोवक्कमे, २.ठवणोवक्कमे, ३. दव्योवक्कमे, ४.खेत्तोवक्कमे,५.कालोवक्कमे,६.भावोवक्कमे। १-२ नाम-ठवणाओ गयाओ। . प. ३. से किं तं दव्वोवक्कमे? उ. दव्वोवक्कमे दुविहे पण्णत्ते,तं जहा १. आगमओ य, २. नो आगमओ य। सेसं जहा आवस्सयस्स दव्योवक्कमे। प. से किंतंजाणयसरीरभवियसरीर वइरित्ते दव्योवक्कमे? उ. जाणयसरीर भवियसरीर वइरित्ते दव्वोवक्कमे तिविहे पण्णत्ते,तं जहा१.सचित्ते,२.अचित्ते, ३.मीसए। प. से किं ते सचित्तदव्वोवक्कमे? उ. सचित्तदव्योवक्कमे तिविहे पण्णत्ते,तं जहा १.दुपयाणं,२.चउप्पयाणं,३.अपयाणं। एक्केक्के दुविहे पण्णत्ते,तं जहा १.परिक्कमे य,२. वत्थुविण्णासे य। प. (क) से किं तं दुपए उवक्कमे? उ. दुपए उवक्कमे-दुपयाणं १. नडाणं, २. नट्टाणं, ३. जल्लाणं, ४. मल्लाणं, ५. मुट्ठियाणं, ६. वेलंबगाणं, ७. कहगाणं, ८. पवगाणं, ९. लासगाणं, १०. आइक्खगाणं, ११. लंखाणं, १२. मंखाणं, १३, तूणइल्लाणं, . १४.तुंबवीणियाणं, १५. कायाणं,१६.मागहाणं। से तंदुपए उवक्कमे। प. (ख) से किं तं चउप्पए उवक्कमे? उ. चउप्पए उवक्कमे-चउप्पयाणं आसाणं, हत्थीणं इच्चाई। से तं चउप्पए उवक्कमे। प. (ग) से किं तं अपए उवक्कमे? उ. अपए उवक्कमे अपयाणं-अंबाणं, अंबाडगाणं इच्चाई। से तं अपए उवक्कमे। से तं सचित्तदव्योवक्कमे। प. से किं तं अचित्तदव्योवक्कमे? उ. अचित्त दव्योवक्कमे खंडाईणं गडादीणं मच्छंडीणं। से तं अचित्तदव्योवक्कमे। प. से किं तं मीसए दव्योवक्कमे? उ. मीसंए दव्योवक्कमे से चेव थासग- आयंसगाइमंडिए आसादी। से तं मीसए दव्योवक्कमे। १. उपक्रम के नामादि छह भेदों का स्वरूपप्र. उपक्रम क्या है? उ. उपक्रम के छह भेद कहे गए हैं, यथा १. नाम-उपक्रम, २. स्थापना-उपक्रम, ३. द्रव्य-उपक्रम, ४. क्षेत्र-उपक्रम, ५.काल-उपक्रम, ६.भाव-उपक्रम १-२ नाम और स्थापना-उपक्रम का स्वरूप नाम एवं स्थापना आवश्यक के समान जानना चाहिए। प्र. ३. द्रव्य-उपक्रम क्या है ? उ.' द्रव्य उपक्रम दो प्रकार का कहा गया है, यथा १. आगमद्रव्य-उपक्रम, २. नो आगमद्रव्य-उपक्रम। शेष वर्णन आवश्यक के द्रव्य उपक्रम के समान कहना चाहिए। प्र. ज्ञायकशरीर-भव्यशरीर व्यतिरिक्त द्रव्य उपक्रम क्या है? उ. ज्ञायकशरीर-भव्यशरीर व्यतिरिक्त द्रव्य-उपक्रम तीन प्रकार के कहे गये है, यथा१. सचित्तद्रव्य-उपक्रम,२. अचित्तद्रव्य-उपक्रम, ३.मिश्रद्रव्य-उपक्रम। प्र. सचित्तद्रव्योपक्रम क्या है? उ. सचित्तद्रव्योपक्रम तीन प्रकार के कहे गये है, यथा १.द्विपद, २. चतुष्पद, ३. अपद। ये प्रत्येक उपक्रम भी दो-दो प्रकार के हैं, यथा १. परिकर्मद्रव्योपक्रम, २. वस्तुविनाश द्रव्योपक्रम। प्र. (क) द्विपद-उपक्रम क्या है? उ. १. नटों, २. नर्तकों, ३. जल्लों, ४. मल्लों, ५. मौष्ठिकों, ६. वेलबकों, ७. कथकों, ८. प्लवकों, ९. लासकों, १०. आख्यायकों, ११. लंखों, १२. मंखों, १३. तूणिकों, १४. तुंबवीणकों, १५. कावडियाओं तथा १६. मागधों आदि दो पैर वालों का परिकर्म और विनाश करना। यह द्विपद-उपक्रम है। प्र. (ख) चतुष्पदोपक्रम क्या है ? उ. चार पैर वाले अश्व, हाथी आदि पशुओं के उपक्रम को चतुष्पदोपक्रम कहते हैं। यह चतुष्पद उपक्रम है। प्र. (ग) अपद-द्रव्योपक्रम क्या है ? उ. आम, आम्रातक आदि (बिना पैर वालों) का उपक्रम। यह अपद उपक्रम है। यह सचित्तद्रव्योपक्रम है। प्र. अचित्तद्रव्योपक्रम क्या है? उ. खाण्ड, गुड, मिश्री आदि का उपक्रम। यह अचित्तद्रव्योपक्रम है। प्र. मिश्रद्रव्योपक्रम क्या है? उ. स्थासक (घोड़े का आभूषण) दर्पण आदि से विभूषित एवं (कुंकुम आदि से) मंडित अश्वादि सम्बन्धी उपक्रम। यह मिश्रद्रव्योपक्रम है।
SR No.090158
Book TitleDravyanuyoga Part 1
Original Sutra AuthorN/A
AuthorKanhaiyalal Maharaj & Others
PublisherAgam Anuyog Prakashan
Publication Year1994
Total Pages910
LanguageHindi, Prakrit
ClassificationBook_Devnagari, Metaphysics, Agam, Canon, & agam_related_other_literature
File Size32 MB
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