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________________ भाषा अध्ययन ५२३ उ. हंता,गोयमा ! गाओ, मिया, पसू, पक्खी पण्णवणी णं एसा भासा, ण एसा भासा मोसा। प. अह भंते ! जा य इत्थिवयू, जा य पुमवयू, जा य णपुंसगवयू पण्णवणी णं एसा भासा? ण एसा भासा मोसा? उ. हंता, गोयमा ! जा य इत्थिवयू, जा य पुमवयू, जा य णपुंसगवयू पण्णवणी णं एसा भासा, ण एसा भासा मोसा। प. अह भंते ! जा य इत्थिआणमणी, जा य पुमआणमणी, जा यणपुंसगआणमणी पण्णवणी णं एसा भासा? ण एसा भासा मोसा? उ. हैता गोयमा !जा य इत्थिआणमणी,जा य पुमआणमणी, जा यणपुंसगआणमणी पण्णवणी णं एसा भासन, ण एसा भासा मोसा। प. अह भंते ! जा य इत्थीपण्णवणी, जा य पुमपण्णवणी, जा यणपुंसगपण्णवणी पण्णवणी णं एसा भासा? ण एसा भासा मोसा? उ. हंता, गोयमा ! जा य इत्थिपण्णवणी,जा य पुमपण्णवणी, जा य णपुंसगपण्णवणी पण्णवणी णं एसा भासा, ण एसा भासा मोसा। प. अह भंते ! जाईति इत्थिवयू, जाईति पुमवयू, जाईति ___णपुंसगवयू पण्णवणी णं एसा भासा? ण एसा भासा मोसा? उ. हता, गोयमा ! जाईति इथिवयू, जाईति पुमवयू, जाईति णपुंसगवयू पण्णवणी णं एसा भासा, ण एसा भासा मोसा। प. अह भंते ! जाईति इथिआणमणी, जाईति पुमआणमणी, जाईति णपुंसगाणमणी पण्णवणी णं एसा भासा, ण एसा भासा मोसा? उ. हंता गोयमा ! जाईति इथिआणमणी, जाईति. पुमआणमणी, जाईति णपुंसगाणमणी पण्णवणी णं एसा भासा, ण एसा भासा मोसा। उ. हाँ, गौतम ! गायें, मृग, पशु, पक्षी यह भाषा प्रज्ञापनी है, __ यह भाषा मृषा नहीं है। प्र. भन्ते !- यह जो स्त्रीवचन है, पुरुषवचन है. और नपुंसकवचन है, क्या वह प्रज्ञापनी भाषा है? यह भाषा मृषा तो नहीं है? उ. हाँ, गौतम ! यह जो स्त्रीवचन है, पुरुषवचन है, नपुंसकवचन है, यह भाषा प्रज्ञापनी है, यह भाषा मृषा नहीं है। प्र. भन्ते ! यह जो स्त्री-आज्ञापनी है, पुरुष-आज्ञापनी है और नपुंसक आज्ञापनी है, क्या यह प्रज्ञापनी भाषा है? यह भाषा मृषा तो नहीं है? उ. हाँ गौतम ! यह जो स्त्री आज्ञापनी है, पुरुष आज्ञापनी है, नपुंसक-आज्ञापनी है, यह भाषा-प्रज्ञापनी है, यह भाषा मृषा नहीं है। . प्र. भन्ते ! यह जो स्त्री प्रज्ञापनी है, पुरुष प्रज्ञापनी है, नपुंसक-प्रज्ञापनी है, क्या यह प्रज्ञापनी भाषा है यह भाषा मृषा तो नहीं है? उ. हाँ, गौतम ! यह जो स्त्री प्रज्ञापनी है, पुरुष प्रज्ञापनी है और नपुंसक प्रज्ञापनी है, यह प्रज्ञापनी भाषा है, यह भाषा मृषा नहीं है। प्र. भन्ते ! जो जाति से स्त्रीवचन है, जाति से पुरुषवचन है और जाति से नपुंसकवचन है, क्या यह प्रज्ञापनी भाषा है? यह भाषा मृषा तो नहीं है? उ. हाँ, गौतम ! जाति से स्त्रीवचन, जाति से पुरुषवचन और जाति से नपुंसकवचन है, यह प्रज्ञापनी भाषा है, यह भाषा मृषा नहीं है। प्र. भन्ते ! जाति से जो स्त्री-आज्ञापनी है, जाति से जो पुरुष-आज्ञापनी है और जाति से जो नपुंसक-आज्ञापनी है, क्या यह प्रज्ञापनी भाषा है? यह भाषा मृषा तो नहीं है? उ. हाँ गौतम ! जाति से जो स्त्री आज्ञापनी है, जाति से जो पुरुष आज्ञापनी है और जाति से जो नपुंसक आज्ञापनी है, यह प्रज्ञापनी भाषा है, यह भाषा मृषा नहीं है। ... मार
SR No.090158
Book TitleDravyanuyoga Part 1
Original Sutra AuthorN/A
AuthorKanhaiyalal Maharaj & Others
PublisherAgam Anuyog Prakashan
Publication Year1994
Total Pages910
LanguageHindi, Prakrit
ClassificationBook_Devnagari, Metaphysics, Agam, Canon, & agam_related_other_literature
File Size32 MB
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