SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 367
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ २६० ७. सुहमणिगोदजीवा अपज्जत्ता पएसट्टयाए असंखेज्जगुणा, ८. सुहमणिगोदजीवा पज्जत्ता पएसट्टयाए संखेज्जगुणा। प. एएसि णं भंते ! णिगोदाणं, णिगोदजीवाणं, सुहुमाणं, बादराणं, पज्जत्ताणं - अपज्जत्ताणं - दव्वट्ठयाए, पएसट्ठयाए, दव्वट्ठ पएसट्ठयाए कयरे कयरेहिंतो अप्पा वा जाव विसेसाहिया वा? दव्वट्ठयाएउ. गोयमा ! १. सव्वत्थोवा बादरणिगोदा पज्जत्ता दव्वट्ठयाए, २. बादरणिगोदा अपज्जत्ता दव्वट्ठयाए ___ असंखेज्जगुणा, ३. सुहुमणिगोदा अपज्जत्ता दव्वट्ठयाए असंखेज्जगुणा, ४. सुहमणिगोदा पज्जत्ता दव्वट्ठयाए असंखेज्जगुणा, ५. सुहुमणिगोदेहिंतो पज्जत्तएहिंतो दव्वठ्ठयाए बादरणिगोदजीवा पज्जत्ता दव्वट्ठयाए अणंतगुणा, ६. बादर णिगोदजीवा अपज्जत्ता दव्वट्ठयाए असंखेज्जगुणा, ७. सुहमणिगोदजीवा अपज्जत्ता दव्वट्ठयाए ____ असंखेज्जगुणा, ८. सुहमणिगोदजीवा पज्जत्ता दव्वट्ठयाए संखेज्जगुणा। पएसट्ठयाए१. सव्वत्थोवा बादरनिगोदजीवा पज्जत्ता पएसठ्ठयाए, द्रव्यानुयोग-(१) ७. (उनसे) प्रदेश की अपेक्षा सूक्ष्म निगोद अपर्याप्तक जीव असंख्यातगुणे हैं, ८. (उनसे) प्रदेश की अपेक्षा सूक्ष्मनिगोद पर्याप्तक जीव संख्यातगुणे हैं। प्र. भंते ! इन सूक्ष्म बादर पर्याप्तक और अपर्याप्तक निगोद और निगोद जीवों में द्रव्य की अपेक्षा, प्रदेश की अपेक्षा तथा द्रव्य-प्रदेश की अपेक्षा कौन किनसे अल्प यावत् विशेषाधिक हैं? द्रव्य की अपेक्षाउ. गौतम !१. द्रव्य की अपेक्षा सबसे अल्प बादर निगोद जीव पर्याप्तक हैं, २. (उनसे) द्रव्य की अपेक्षा बादर निगोद जीव अपर्याप्तक __असंख्यातगुणे हैं, ३. (उनसे) द्रव्य की अपेक्षा सूक्ष्म निगोद अपर्याप्तक ___असंख्यातगुणे हैं, ४. (उनसे) द्रव्य की अपेक्षा सूक्ष्म निगोद पर्याप्तक ___संख्यातगुणे हैं, ५. द्रव्य की अपेक्षा सूक्ष्म निगोद पर्याप्तकों से बादरनिगोद पर्याप्त जीव अनन्तगुणे हैं, ६. (उनसे) द्रव्य की अपेक्षा बादरनिगोद जीव अपर्याप्तक असंख्यातगुणे हैं, ७. (उनसे) द्रव्य की अपेक्षा सूक्ष्म निगोद जीव अपर्याप्तक असंख्यातगुणे हैं, ८. (उनसे) द्रव्य की अपेक्षा सूक्ष्म निगोद जीव पर्याप्तक संख्यातगुणे हैं। प्रदेश की अपेक्षा१. प्रदेश की अपेक्षा सबसे अल्प पर्याप्तक बादर निगोद जीव हैं. २. (उनसे) प्रदेश की अपेक्षा अपर्याप्तक बादर निगोद जीव असंख्यातगुणे हैं, ३. (उनसे) प्रदेश की अपेक्षा अपर्याप्तक सूक्ष्म निगोद जीव असंख्यातगुणे हैं, ४. (उनसे) प्रदेश की अपेक्षा पर्याप्तक सूक्ष्म निगोद जीव संख्यातगुणे हैं, ५. प्रदेश की अपेक्षा पर्याप्तक सूक्ष्मनिगोद जीवों से ___बादरनिगोद पर्याप्तक अनंतगुणे हैं, ६. (उनसे) प्रदेश की अपेक्षा बादर निगोद अपर्याप्तक असंख्यातगुणे हैं, ७. (उनसे) प्रदेश की अपेक्षा अपर्याप्तक सूक्ष्मनिगोद असंख्यातगुणे हैं, ८. (उनसे) प्रदेश की अपेक्षा पर्याप्तक सूक्ष्मनिगोद संख्यातगुणे हैं। द्रव्य-प्रदेश की अपेक्षा१. द्रव्य की अपेक्षा सबसे अल्प बादर निगोद पर्याप्तक हैं। २. बादरणिगोदजीवा अपज्जत्ता पएसट्ठयाए असंखेज्जगुणा, ३. सुहुमणिगोदजीवा अपज्जत्ता पएसट्ठायाए असंखेज्जगुणा, ४. सुहमणिगोदजीवा पज्जत्ता पएसट्टयाए संखेज्जगुणा, ५. सुहमणिगोदजीवेहिंतो पज्जत्तएहिंतो पएसट्ठयाए बादरणिगोदा पज्जत्ता पएसट्टयाए अणंतगुणा, ६. बादरणिगोदा अपज्जत्ता पएसट्ठयाए असंखेज्जगुणा, ७. सुहुमणिगोदा अपज्जत्ता पएसठ्ठयाए असंखेज्जगुणा, ८. सुहुमणिगोदा पज्जत्ता पएसट्ठयाए संखेज्जगुणा। जा दव्वठ्ठ-पएसट्टयाए१. सव्वत्थोवा बादरणिगोदा पज्जत्ता दव्वट्ठयाए,
SR No.090158
Book TitleDravyanuyoga Part 1
Original Sutra AuthorN/A
AuthorKanhaiyalal Maharaj & Others
PublisherAgam Anuyog Prakashan
Publication Year1994
Total Pages910
LanguageHindi, Prakrit
ClassificationBook_Devnagari, Metaphysics, Agam, Canon, & agam_related_other_literature
File Size32 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy