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________________ जीव अध्ययन १. सव्वत्थोवा गब्भवक्कंतिया मणुस्सा, २. मणुस्सीओ संखेज्जगुणाओ, ३. बायरतेउक्काइया पज्जत्तया असंखेज्जगुणा, ४. अणुत्तरोववाइया देवा असंखेज्जगुणा, ५. उवरिमगेवेज्जगा देवा संखेज्जगुणा, ६. मज्झिमगेवेज्जगा देवा संखज्जगुणा, ७. हेट्ठिमगेवेज्जगा देवा संखेज्जगुणा, ८. अच्चुए कप्पे देवा संखेज्जगुणा, ९. आरणे कप्पे देवा संखेज्जगुणा, १०. पाणए कप्पे देवा संखेज्जगुणा, ११. आणए कप्पे देवा संखेज्जगुणा, १२. अहेसत्तमाए पुढवीए नेरइया असंखेज्जगुणा, १३. छट्ठीए तमाए पुढवीए नेरइया असंखेज्जगुणा, १४. सहस्सारे कप्पे देवा असंखेज्जगुणा, १५. महासुक्के कप्पे देवा असंखेज्जगुणा, १६. पंचमाए धूमप्पभाए पुढवीए नेरइया असंखेज्जगुणा, १७. लंतए कप्पे देवा असंखेज्जगुणा, १८. चउत्थीए पंकप्पभाए पुढवीए नेरइया असंखेज्जगुणा, १९. बंभलोए कप्पे देवा असंखेज्जगुणा, २०. तच्चाए वालुयप्पभाए पुढवीए नेरइया असंखेज्जगुणा, २३३ १. सबसे अल्प गर्भव्युत्क्रान्तिक मनुष्य हैं, २. (उनसे) मनुष्यस्त्रियां संख्यातगुणी हैं, ३. (उनसे) बादर तेजस्कायिक पर्याप्तक असंख्यातगुणे हैं, ४. (उनसे) अनुत्तरोपपातिक देव असंख्यातगुणे हैं, ५. (उनसे) उपरिम ग्रैवेयकदेव संख्यातगुणे हैं, ६. (उनसे) मध्यम ग्रैवेयकदेव संख्यातगुणे हैं, ७. (उनसे) अधःस्तन ग्रैवेयक देव संख्यातगुणे हैं, ८. (उनसे) अच्युतकल्प के देव संख्यातगुणे हैं, ९. (उनसे) आरणकल्प के देव संख्यातगुणे हैं, १०. (उनसे) प्राणतकल्प के देव संख्यातगुणे हैं, ११. (उनसे) आनतकल्प के देव संख्यातगुणे हैं, १२. (उनसे) अधःसप्तम पृथ्वी के नैरयिक असंख्यातगुणे हैं, १३. (उनसे) छठी तमःप्रभा पृथ्वी के नैरयिक असंख्यातगुणे हैं, १४. (उनसे) सहस्रारकल्प के देव असंख्यातगुणे हैं, १५. (उनसे) महाशुक्रकल्प के देव असंख्यातगुणे हैं, १६. (उनसे) पांचवीं धूमप्रभापृथ्वी के नैरयिक असंख्यातगुणे हैं, १७. (उनसे) लान्तककल्प के देव असंख्यातगुणे हैं, १८. (उनसे) चौथी पंकप्रभापृथ्वी के नैरयिक असंख्यातगुणे हैं, १९. (उनसे) ब्रह्मलोककल्प के देव असंख्यातगुणे हैं, २०. (उनसे) तीसरी वालुकाप्रभापृथ्वी के नैरयिक असंख्यात गुणे हैं, २१. (उनसे) माहेन्द्रकल्प के देव असंख्यातगुणे हैं, २२. (उनसे) सनत्कुमारकल्प के देव असंख्यातगुणे हैं, २३. (उनसे) दूसरी शर्कराप्रभापृथ्वी के नैरयिक असंख्यातगुणे हैं, २४. (उनसे) सम्मूर्छिम मनुष्य असंख्यातगुणे हैं, २५. (उनसे) ईशानकल्प के देव असंख्यातगुणे हैं, २६. (उनसे) ईशानकल्प की देवियां संख्यातगुणी हैं, २७. (उनसे) सौधर्मकल्प के देव संख्यातगुणे हैं, २८. (उनसे) सौधर्मकल्प की देवियां संख्यातगुणी हैं, २९. (उनसे) भवनवासी देव असंख्यातगुणे हैं, ३०. (उनसे) भवनवासी देवियां संख्यातगुणी हैं, ३१. (उनसे) इस रलप्रभापृथ्वी के नैरयिक असंख्यातगुणे हैं, ३२. (उनसे) खेचर पंचेंद्रिय तिर्यञ्चयोनिक पुरुष असंख्यातगुणे हैं, ३३. (उनसे) खेचर पंचेंद्रिय तिर्यञ्चयोनिक स्त्रियां संख्यातगुणी हैं, ३४. (उनसे) स्थलचर पंचेंद्रिय तिर्यञ्चयोनिक पुरुष संख्यातगुणे हैं, ३५. (उनसे) स्थलचर पंचेंद्रिय-तिर्यञ्चयोनिक स्त्रियां संख्यात गुणी हैं, ३६. (उनसे) जलचर पंचेंद्रिय तिर्यञ्चयोनिक पुरुष संख्यातगुणे हैं, २१. माहिंदकप्पे देवा असंखेज्जगुणा, २२. सणंकुमारे कप्पे देवा असंखेज्जगुणा, २३. दोच्चाए सक्करप्पभाए पुढवीए नेरइया असंखेज्जगुणा, २४. सम्मुच्छिमणुस्सा असंखेज्जगुणा, २५. ईसाणे कप्पे देवा असंखेज्जगुणा, २६. ईसाणे कप्पे देवीओ संखेज्जगुणाओ, २७. सोहम्मे कप्पे देवा संखेज्जगुणा, २८. सोहम्मे कप्पे देवीओ संखेज्जगुणाओ, २९. भवणवासी देवा असंखेज्जगुणा, ३०. भवणवासिणीओ देवीओ संखेज्जगुणाओ, ३१. इमीसे रयणप्पभाए पुढवीए नेरइया असंखेज्जगुणा, ३२. खहयरपंचिंदियतिरिक्खजोणिया पुरिसा असंखेज्ज गुणा, ३३. खहयरपंचेंदियतिरिक्खजोणिणीओ संखेज्जगुणाओ, ३४. थलयरपंचेंदियतिरिक्खजोणिया पुरिसा संखेज्जगुणा, ३५. थलयरपंचेंदियतिरिक्खजोणिणीओ संखेज्जगुणाओ, ३६. जलयरपंचेंदियतिरिक्खजोणिया पुरिसा संखेज्जगुणा,
SR No.090158
Book TitleDravyanuyoga Part 1
Original Sutra AuthorN/A
AuthorKanhaiyalal Maharaj & Others
PublisherAgam Anuyog Prakashan
Publication Year1994
Total Pages910
LanguageHindi, Prakrit
ClassificationBook_Devnagari, Metaphysics, Agam, Canon, & agam_related_other_literature
File Size32 MB
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