SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 235
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ १२८ ४. वैमाणियदेवित्थियाओ प. से किं तं भवणवासिदेवित्थियाओ ? उ. भवणवासिदेवित्थियाओदसविहाओपण्णत्ताओ, तं जहा १ असुरकुमारभवणवासिदेवित्थियाओ जाय १० थणियकुमार- भवणवासिदेवित्थियाओ । प से किं तं वाणमंतरदेवित्थियाओ ? उ. वाणमंतरदेवित्थियाओ अलविहाओपण्णत्ताओ, तं जहा १ पिसायवाणमंतरदेवित्थियाओ जाव ८ गंधव्ववाणमंतर देवित्थियाओ प से किं तं जोइसियदेवित्थियाओ ? उ. जोइसियदेवित्थियाओ पंचविहाओ पण्णत्ताओ, तं जहा १ चंदविमाणजोइसियदेवित्थियाओ जाय ५ ताराविमाण- जोइसिय देवित्थियाओ । प से किं तं वेमाणियदेवित्थियाओ ? उ. वेमाणियदेवित्थियाओ दुविहाओ पण्णत्ताओ, तं जहा१. सोहम्मकप्पवेमाणियदेवित्थियाओ, २. ईसाणकप्पवेमाणिय- देवित्थियाओ । -जीवा. पडि. २, सु. ४५ (३) ३६. पुरिसेहिंतो इत्थियाणं अहिगत्त परूवणं तिरिक्खजोणियपुरिसेहिंतो तिरिक्खजोणित्थियाओ तिगुणाओ तिरूवाहियाओ, मणुस्सित्थियाओ मणुस्सपुरिसेहिंतो सत्तावीसइगुणाओ सत्तावीसइरूवाहियाओ, देवित्थियाओ देवपुरिसेहिंतो बत्तीसइगुणाओ बत्तीसइवाहियाओ। -जीवा. पडि. २, सु. ६४ ३७. पुरिसाणं भेयप्पमेया प. से किं तं पुरिसा ? उ पुरिसा तिविहा पण्णत्ता, तं जहा१. तिरिक्खजोणियपुरिसा, ३. देवपुरिसा (१) तिरिक्खजोणियपुरिसाप से किं तं तिरिक्खजोणियपुरिसा ? उ. तिरिक्खजोणियपुरिसा तिविहा पण्णत्ता, तं जहा ३. खहयरा । १. जलयरा, २. थलयरा, इत्थिमेओ भाणियव्यो जाव खहयरा (२) मणुस्सपुरिसाप से किं तं मणुस्सपुरिसा ? २. मणुस्सपुरिसा, - जीवा. पडि. २ सु. ५२ -जीवा. पडि. २ सु. ५२ ४. वैमानिक देव स्त्रियां । प्र. भवनवासी देव स्त्रियां कितने प्रकार की हैं ? उ. भवनवासी देव स्त्रियां दस प्रकार की कही गई हैं, यथा 9 असुरकुमार भवनवासी देव स्त्रियां यावत् १० स्तनित कुमार भवनवासी देव स्त्रियां । प्र. वाणव्यन्तर देव स्त्रियां कितने प्रकार की हैं ? द्रव्यानुयोग - ( १ ) उ. वाणव्यन्तर देव स्त्रियां आठ प्रकार की कही गई हैं, १ पिशाचवाणव्यन्तर देव स्त्रियां यावत् ८] गन्धर्ववाणव्यन्तर देव स्त्रियां प्र. ज्योतिषिक देव स्त्रियां कितने प्रकार की हैं ? उ. ज्योतिषिक देव स्त्रियां पांच प्रकार की कही गई हैं, यथा १ चन्द्र विमान ज्योतिषिक देव स्त्रियां यावत् ५ तारा विमान ज्योतिषिक देव स्त्रियां । यथा प्र. वैमानिक देव स्त्रियां कितने प्रकार की हैं ? उ. वैमानिक देव स्त्रियां दो प्रकार की कही गई हैं, , यथा १. सौधर्मकल्प वैमानिक देव स्त्रियां, २. ईशानकल्प वैमानिक देव स्त्रियां ३६. पुरुषों से स्त्रियों की अधिकता का प्ररूपण तिर्यक्योनिकी स्त्रियाँ तिर्यक्योनि के पुरुषों से तीन गुणी और त्रिरूप अधिक है। ३७. पुरुषों के भेद प्रभेद मनुष्यस्त्रियाँ मनुष्यपुरुषों से सत्तावीसगुनी और सत्तावीसरूप अधिक है। देवस्त्रियाँ देवपुरुषों से बत्तीसगुनी और बत्तीसरूप अधिक हैं। (२) मनुष्य पुरुष - प्र. मनुष्य पुरुष कितने प्रकार के हैं ? प्र. पुरुष कितने प्रकार के हैं ? उ. पुरुष तीन प्रकार के कहे गए हैं, यथा १. तिर्थचयोनिक पुरुष, ३. देव पुरुष । (१) तिर्यञ्चयोनिक पुरुष प्र. तिर्यञ्चयोनिक पुरुष कितने प्रकार के हैं ? उ तिर्यञ्चयोनिक पुरुष तीन प्रकार के कहे गए हैं, यथा१. जलचर, २. थलचर, ३. खेचर (खेचरों पर्यत स्त्री भेदों के समान पुरुषों के भेद कहने चाहिए।) २. मनुष्य पुरुष,
SR No.090158
Book TitleDravyanuyoga Part 1
Original Sutra AuthorN/A
AuthorKanhaiyalal Maharaj & Others
PublisherAgam Anuyog Prakashan
Publication Year1994
Total Pages910
LanguageHindi, Prakrit
ClassificationBook_Devnagari, Metaphysics, Agam, Canon, & agam_related_other_literature
File Size32 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy