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________________ परिणाम अध्ययन प. ४.भेयपरिणामे णं भंते ! कइविहे पण्णत्ते? उ. गोयमा ! पंचविहे पण्णत्ते, तंजहा १. खंडाभेयपरिणामे, २. पयरभेए परिणामे, ३. चुण्णियाभेय परिणामे, ४. अणुतडियाभेय परिणामे, ५. उक्करियाभेयपरिणामे। प. ५. वण्णपरिणामे णं भंते ! कइविहे पण्णत्ते? उ. गोयमा ! पंचविहे पण्णत्ते,तं जहा १. कालवण्णपरिणामे, २. नीलवण्ण परिणामे, ३. लोहियवण्ण परिणामे, ४. पीयवण्णपरिणामे, ५. सुक्किलवण्णपरिणामे। प. ६.गंधपरिणामे णं भंते ! कइविहे पण्णत्ते? उ. गोयमा ! दुविहे पण्णत्ते,तं जहा १. सुब्भिगंधपरिणामे य, २. दुब्भिगंधपरिणामे य। प. ७. रसपरिणामे णं भंते ! कइविहे पण्णत्ते? उ. गोयमा ! पंचविहे पण्णत्ते, तं जहा १. तित्तरसपरिणामे जाव ५. महुररसपरिणामे। प. ८.फासपरिणामे णं भंते ! कइविहे पण्णते? उ. गोयमा ! अट्ठविहे पण्णत्ते, तं जहा १. कक्खडफासपरिणामे य जाव ८.लुक्खफासपरिणामे य। प. ९.अगरुयलहुयपरिणामे णं भंते ! कइविहे पण्णत्ते? उ. गोयमा !एगागारे पण्णत्ते। प. १०. सद्दपरिणामे णं भंते ! कइविहे पण्णत्ते? उ. गोयमा ! दुविहे पण्णत्ते,तं जहा १. सुब्भिसद्दपरिणामे य, २. दुब्भिसद्दपरिणामे य। सेत्तं अजीवपरिणामे। -पण्ण.प.१३,सु.९४७-९५७ प्र. ४. भंते ! भेदपरिणाम कितने प्रकार का कहा गया है? उ. गौतम ! (भेदपरिणाम) पांच प्रकार का कहा गया है, यथा १. खण्डभेदपरिणाम, २. प्रतरभेदपरिणाम, . ___३. चूर्णिका भेद परिणाम, ४. अनुतटिकाभेदपरिणाम, ५. उत्कटिका भेद परिणाम। प्र. ५. भंते ! वर्णपरिणाम कितने प्रकार का कहा गया है? उ. गौतम ! (वर्णपरिणाम) पांच प्रकार का कहा गया है, यथा १. कृष्णवर्णपरिणाम, २. नीलवर्णपरिणाम, ३. रक्तवर्णपरिणाम, ४. पीतवर्णपरिणाम, ५. शुक्ल वर्ण परिणाम। प्र. ६. भंते ! गन्धपरिणाम कितने प्रकार का कहा गया है? उ. गौतम ! (गन्धपरिणाम) दो प्रकार का कहा गया है, यथा १. सुगन्ध परिणाम, २. दुर्गन्धपरिणाम। प्र. ७. भंते ! रसपरिणाम कितने प्रकार का कहा गया है? उ. गौतम ! (रसपरिणाम) पांच प्रकार का कहा गया है, यथा १. तिक्तरसपरिणाम यावत् ५. मधुररसपरिणाम। प्र. ८. भंते ! स्पर्शपरिणाम कितने प्रकार का कहा गया है? उ. गौतम ! (स्पर्शपरिणाम) आठ प्रकार का कहा गया है, यथा १. कर्कश स्पर्शपरिणाम यावत् ८. रुक्षस्पर्शपरिणाम। प्र. ९. भंते ! अगुरुलघुपरिणाम कितने प्रकार का कहा गया है ? उ. गौतम ! (अगुरुलघुपरिणाम) एक प्रकार का कहा गया है। प्र. १०. भंते ! शब्दपरिणाम कितने प्रकार का कहा गया है? उ. गौतम ! (शब्दपरिणाम) दो प्रकार का कहा गया है, यथा १. शुभ-मनोज्ञ शब्द परिणाम, २. अशुभ-अमनोज्ञ शब्द परिणाम। यह अजीवपरिणामों की प्ररूपणा है।
SR No.090158
Book TitleDravyanuyoga Part 1
Original Sutra AuthorN/A
AuthorKanhaiyalal Maharaj & Others
PublisherAgam Anuyog Prakashan
Publication Year1994
Total Pages910
LanguageHindi, Prakrit
ClassificationBook_Devnagari, Metaphysics, Agam, Canon, & agam_related_other_literature
File Size32 MB
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