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________________ पंडित श्री देवकुमार जी जैन, बीकानेर ने भी श्री विनय मुनि जी को सम्पादन कार्य में बहुत बड़ा सहयोग दिया है। आप बहुत ही अच्छे विद्वान् है अतः आपके भी विशेष आभारी है। जैन दर्शन के सुप्रसिद्ध विद्वान् एवं अधिकारी लेखक डॉ. श्री सागरमल जी जैन ने ग्रन्थ की गरिमा के अनुरूप विद्वत्तापूर्ण प्रस्तावना लिखकर अनुगृहीत किया है, हम उनके कृतज्ञ हैं। जैन धर्म तथा प्राकृत संस्कृत भाषा के विद्वान् डॉ. धर्मचन्द जी जैन ने अपना महत्त्वपूर्ण समय निकालकर भावनापूर्वक सभी अध्ययनों के आमुख लिखकर अनुगृहीत किया है, हम उनके आभारी रहेंगे । दुरूह आगम कार्यों को प्रेस दृष्टि से व्यवस्थित कर सुन्दर शुद्ध मुद्रण के लिए जैन दर्शन के अनुभवी विद्वान् दिवाकर प्रकाशन, आगरा के संचालक साहित्यसेवी श्रीचन्द जी सुराना 'सरस' के हम आभारी हैं, जिन्होंने पूर्व अनुयोगों की भाँति इस ग्रन्थ के मुद्रण में भी पूर्ण सद्भाव के साथ आत्मीय सहयोग किया है। ट्रस्ट के सहयोगी सदस्य मण्डल के भी हम आभारी हैं, जिनके आर्थिक अनुदान से इतना विशाल व्ययसाध्य कार्य हम सम्पन्न करने में समर्थ हुए हैं। ज्ञानप्रेमी श्री नवनीतभाई चुन्नीलाल पटेल ( चेयरमैन) पार्श्वनाथ कॉर्पोरेशन, अहमदाबाद वाले इस महान् कार्य में विशेष सहयोगी बने हैं उनका इस कार्य को सम्पूर्ण कराने में विशेष योगदान प्राप्त हुआ है तथा इस ग्रन्थ के प्रथम भाग का विमोचन भी आपके करकमलों द्वारा हुआ है। पंजाब जैन भ्रातृ सभा, बम्बई श्री व स्था. जैन श्रावक संघ, जोधपुर के कार्यकर्ताओं का तथा श्री रमणिकमाई मोहनलाल धानेरा, श्री माणकचन्द जी संचेती, जोधपुर विजयराज जी बोहरा, अहमदाबाद प्रतापभाई भूरालाल गांधी, चाँदी वाले, बम्बई आदि ने सहयोग एकत्रित कराने में विशेष योगदान दिया है। इस प्रसंग पर आगम अनुयोग प्रकाशन परिषद्, साण्डेराव के मान्य कार्यकर्ताओं का भी आभार स्मरण करते हैं जिन्होंने इस अति दुरूह कार्य के प्रारम्भ में अति उत्साहपूर्वक कदम बढ़ाया और हमारे कार्यशैली का मार्ग प्रशस्त किया। आगम अनुयोग ट्रस्ट, अहमदाबाद को उनका सहयोग बराबर मिलता रहा और भविष्य में भी मिलता रहेगा ऐसा विश्वास है। आगम वाणी के प्रति अत्यन्त श्रद्धावान् बोटाद सम्प्रदाय के पंडित-रत्न श्री अमीचन्द जी म एवं लिंवड़ी सम्प्रदाय के श्री भास्कर मुनि जी म. ने अनुयोग ग्रन्थों के प्रचार-प्रसार में विशेष अभिरुचिपूर्वक जो सहयोग प्रदान किया है, वह एक आदर्श और अनुकरणीय है। प्रेस-कापी करने का विशाल कार्य श्री राजेश भंडारी, राजेन्द्रकुमार तथा सुनील मेहता एवं श्री मांगीलाल जी शर्मा ने श्रद्धाभक्ति एवं विवेकपूर्वक किया है। इसलिए ट्रस्ट की ओर से उनका हम हार्दिक अभिनन्दन करते हैं। हमारे अनुभवी एवं सेवाभावी ट्रस्टी श्री हिम्मतभाई शामलदास शाह अब वृद्ध हो गये हैं, फिर भी समय-समय पर वे अपने अनुभव आदि का लाभ दे रहे हैं। ट्रस्ट के मंत्री श्री जयन्तिभाई चन्दुलाल संघवी ट्रस्ट की सम्पूर्ण व्यवस्था व सहयोग एकत्रित करना आदि कार्यों के लिए बहुत ही परिश्रम कर रहे हैं। स्थानकवासी जैन संघ नगरसेठ का वंडा नारायणपुरा आदि अनेक संस्थाओं का संचालन करते हुए भी अपना अमूल्य समय प्रदान कर रहे हैं अतः हम आपके बहुत आभारी हैं। इसी प्रकार हमारे सहमंत्री डॉ. सोहनलाल जी संचेती ने प्रचार-प्रसार एवं सारी व्यवस्था सँभालने में विशेष योगदान दिया है। अतः उनके भी आभारी हैं। श्री शामजी भाई कार्यालय की सम्पूर्ण व्यवस्था सुचारू रूप से संभाल रहे हैं। अतः धन्यवाद के पात्र हैं। अन्य सहयोगीजनों का स्मरण करते हुए भावना करते हैं कि श्रुतज्ञान की अमर ज्योति सबके जीवन को प्रकाशमय करे। इसी प्रकार भविष्य में भी आप लोगों का योगदान प्राप्त होता रहेगा जिससे हम गुजराती संस्करण व गुटकों आदि के प्रकाशन का कार्य कर सकेंगे। धन्यवाद । (१०) विनीत बलदेवभाई डोसाभाई पटेल (अध्यक्ष) आगम अनुयोग ट्रस्ट, अहमदाबाद
SR No.090158
Book TitleDravyanuyoga Part 1
Original Sutra AuthorN/A
AuthorKanhaiyalal Maharaj & Others
PublisherAgam Anuyog Prakashan
Publication Year1994
Total Pages910
LanguageHindi, Prakrit
ClassificationBook_Devnagari, Metaphysics, Agam, Canon, & agam_related_other_literature
File Size32 MB
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