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________________ विषयसूची ४९ विषय श्लोकाङक ११-२ १४-६ १७, ११० १.८-९ १११ ४, ६-८ ८*१ ९-११ १२ १७. सचित्तादि प्रतिमा का विस्तार भोगोपभोगों को प्रमाण में भोगना भोगोपभोगों की मर्यादा मर्यादा से अहिंसा त्याज्य पदार्थ भोगोपभोगों के त्याग से अहिंसा मर्यादा से विविध गुण भोगोपभोग के अतिचार वैभव से तृप्ति नहीं यम और नियम भोगोपभोगों में अन्तरायों का विचार विघ्न सप्तक का त्याग करना व्रतपालन के हेतु सचित्तत्यागी के प्रकार और उदाहरण स्त्रीकटाक्षों का प्रभाव स्त्रीसेवन दिन में नहीं करना दिवामैथुनत्यागी के प्रकार मैथुन से गुणों का नाश स्त्रियाँ दुःख का कारण ब्रह्मचारियों के भेद आरम्भ का कारण आरम्भ का त्याग आवश्यक आरम्भत्यागी का स्वरूप आरम्भत्याग का फल आरम्भत्यागियों के प्रकार 'संग' का अर्थ संपत्तियाँ खेद का कारण परिग्रह का त्याग करना परिग्रहत्याग का फल परिग्रहत्यागी के प्रकार सचित्तादिप्रतिमाधारक मुक्ति के पात्र १८. उद्दिष्टान्त-प्रतिमाओंका विस्तार दान देना नवोपचार १३-१६ १७ १८-२० २१-२६*१ २७ २८ २९-३२ ३३, ३७ ३४-३५, ३८ ३९*१, ४०-४१ ३९५२ ४२-४३ ४४
SR No.090136
Book TitleDharmaratnakar
Original Sutra AuthorN/A
AuthorJaysen, A N Upadhye
PublisherJain Sanskruti Samrakshak Sangh
Publication Year1974
Total Pages530
LanguageHindi, Sanskrit
ClassificationBook_Devnagari, Religion, & Principle
File Size38 MB
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