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(देव शिल्प
तीर्थकर शांतिनाथ शांति जिनवल्लभप्रासाद
श्रीलिंग प्रासाद तल का विभाग प्रासाद की वर्गाकार भूमि के १२ भाग करें। उसमें कोण २ भाग प्रतिकर्ण २ भाग भद्रार्ध १,१/२ भाग भद्रनन्दो /२ भाग बा;
शिखर की सन्ना कोण के ऊपर
२क्रम चढ़ायें प्रतिकर्ण के ऊपर २ क्रम चढ़ायें भद्रनन्दी के ऊपर श्रृंग तथा १ कूट चढ़ायें चारों भद्रों के ऊपर १२ उम्श्रृंग चढ़ायें। श्रृंग संख्या
कूट संख्या कोण ५६ नन्दी प्ररथ
११२ भद्र-नन्दी
१२ शिखर १
--------- १८९ कुल ८
कामदायकप्रासाद इसका निर्माण शांति जिन वल्लभ प्रासाद के पूर्वोक्त मान रो करें तथा उसमें भद्र के ऊपर एक उरु श्रृंग अधिक चढ़ावें।
श्रृंग संख्या कोण ५६
११२ भद्रनन्दी ८ भद्र १६ शिखर
. शांति जिन वल्लभ प्रासाद - शांत प्रासाद कुल १९३
(श्री लिंग प्राराद)
भद्र
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प्ररथ
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