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(दव शिल्प)
तीर्थंकर नेमिनाथ
गोमेदयक्ष श्वे.- गोमेध दिग. कृष्ण तीन पुष्प मनुष्य
विशे. वर्ण मुख
आसन वाहन भुजा दाहिने हाथ में बायें हाथ में
श्वे. कृष्ण तीन
मनुष्य
छह
फल, वज्र, वरदान मुद्गर, फरसा : दण्ड
बिजौरा, फरसा, चक्र नेवेला, शूल, शक्ति
आमा देवी (मांडिनी) श्वे. - अम्बिका (कूष्मांडी)
दिग
श्वे.
विशे. वर्ण वाहन
सुवर्ण
हरा सिंह आम्र की छाया में रहने वाली
सिंह
टो
भुजा दाहिने हाथ में बायें हाथ में
शुभंकर पुत्र प्रियंकर पुत्र की प्रीति के लिये आम्र की लूम को (गोद में पुत्र)
चार विजौरा* पाश पुत्र, अंकुश
गोमेदयक्ष
अंबिका (कूष्पाण्डिनी देवी
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*पाठांतर आचार दिनकर में आम की लूम